भारतीय खाने की थाली हर घर में खास होती है। गरमा-गरम रोटी, चावल, दाल, सब्जियां, सलाद और कभी-कभी मिठाई हर थाली में अलग-अलग फ्लेवर और रंग होते हैं। लेकिन क्या ये थाली हमारे स्वास्थ्य के लिए भी सही है? अक्सर हम सिर्फ स्वाद और दिखावे पर ध्यान देते हैं और पोषण का संतुलन भूल जाते हैं। दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नवीन भामरी के द लल्लनटॉप को दिए गए इंटरव्यू के मुताबीक, हेल्दी थाली वही है जिसमें हर चीज अपने हिस्से में संतुलित हो।
वो इसे ऐसे समझाते हैं जैसे थाली एक ऑर्केस्ट्रा हो रोटी, चावल और आलू जैसे ड्रम जोर से बज रहे हैं, और प्रोटीन जैसे दाल, पनीर या चिकन साइड में सॉफ्ट फ्लूट की तरह। इस तरह की थाली न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि शरीर को जरूरी पोषण और ऊर्जा भी देती है। सही संतुलन के साथ थाली खाने से दिल और पेट दोनों खुश रहते हैं।
आधा प्लेट सब्जियों का होना चाहिए
डॉ. भामरी के बताते हैं कि, थाली का 50% हिस्सा सब्जियों और सलादों का होना चाहिए। “हरे या रंग-बिरंगे सब्जियां हमेशा शामिल करें। रंग-बिरंगे सब्जियां शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल और फाइबर देती हैं,” वो कहते हैं। इसमें मौसमी सब्जियां, सलाद और अगर संभव हो तो हल्का सूप भी शामिल किया जा सकता है। ये हिस्सा आपकी थाली का सबसे बड़ा और हेल्दी हिस्सा होना चाहिए।
चौथाई हिस्सा कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का
थाली का 25% हिस्सा कॉम्प्लेक्स कार्ब्स का होना चाहिए। इसका मतलब है रोटी या चावल। “रोटियां ज्वार, बाजरा या अन्य सीजनल अनाज से बनाएं। कभी-कभी ब्राउन राइस भी शामिल कर सकते हैं। हम ज्यादातर गेहूं की रोटियां खाते हैं, जो हमेशा हेल्दी नहीं है, इसलिए मौसम और शरीर के अनुसार अनाज बदलते रहें।” कॉम्प्लेक्स कार्ब्स धीरे-धीरे एनर्जी देते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं।
थाली का बाकी 25% हिस्सा प्रोटीन का होना चाहिए। “प्रोटीन दाल, राजमा, छोले, पनीर या मांसाहारी खाने वालों के लिए चिकन और मछली से आएगा। प्रोटीन आपकी मसल्स और शरीर की मजबूती के लिए जरूरी है,” डॉ. भामरी बताते हैं।
“अचार, पापड़ या चटनी को सिर्फ गेस्ट की तरह समझें, ये हीरो नहीं हैं,” डॉ. भामरी चेतावनी देते हैं। यानी ये थोड़ी मात्रा में ही शामिल हों, ताकि थाली हेल्दी बनी रहे।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।