खूबसूरत बने रहने के लिए क्या आप अपने पीरियड्स (मासिक धर्म) का खून अपनी त्वचा पर लगा सकती हैं। आप ये पढ़कर बेशक हैरान हो सकते हैं। लेकिन दुनिया भर में ऐसा करने का ट्रेंड चल पड़ा है। इस ट्रेंड का नाम है Menstrual Masking. और इसके चलन पर पक्ष-विपक्ष में तमाम तरह की बहस चल रही हैं।
अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती होंगी तो #periodfacemask ट्रेंड के बारे में जरूर जानती होंगी। इस प्रोसेस में महिलाएं अपने मासिक धर्म का खून अपनी त्वचा, खासतौर पर अपने चेहरे पर लगाती हैं। फिलहाल इसे DIY यानि Do It Yourself स्किन केयर कहा जा रहा है।
#periodfacemask से सोशल मीडिया पर वीडियो की बाढ़ सी है। और हैरानी की बात है कि ऐसे वीडियो को काफी व्यूज मिल रहे हैं। इन वीडियो में पीरियड का ब्ल्ड चेहरे पर लगाकर कुछ मिनट के लिए छोड़ा जाता है। और फिर उसे धो दिया जाता है। वैसे अभी तक इस पर कोई सहमति नहीं है कि आखिर कितना खून इस्तेमाल करना चाहिए। और कब तक उसे लगाकर रहना चाहिए।
सोशल मीडिया के इस ट्रेंड को फॉलो करने वाले कुछ महिलाएं इसे हीलिंग या एंपावरिंग से जोड़ रही हैं। तो कुछ का कहना है कि ये एक आध्यात्मिक कनेक्शन है।
लेकिन क्या वैज्ञानिक नजरिए से इसका कोई महत्व है?
Menstrual Masking को सही बताने वालों की दलील है कि पीरियड ब्लड में स्टेम सेल्स, साइटोकाइंस और प्रोटींस होते हैं। और इससे स्किन बेहतर होती है। लेकिन अभी तक इसका कोई क्लिनकल सबूत नहीं है जिससे ये पक्का हो सके पीरियड ब्लड का इस्तेमाल स्किनकेयर के लिए करना चाहिए।
लेकिन मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, इतना जरूर है कि इसके बायोलॉजिकल कंपोजिशन में संभावनाएं जरूर हैं।
एक स्टडी के मुताबिक, पीरियड ब्लड से जो प्लाज्मा निकलता है वह रेगुलर ब्लड प्लाज्मा के मुकाबले घाव तेजी से भरता है। लैब के टेस्ट में पता चलता है कि पीरियड ब्लड प्लाज्मा से जिन घाव का इलाज किया गया, वो 24 घंटों के भीतर 100 फीसदी ठीक गए। जबकि नॉर्मल ब्ल्ड प्लाजमा से घाव सिर्फ 40 फीसदी ही ठीक हो पाया।