आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में घंटों लैपटॉप या मोबाइल पर झुककर काम करना, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और गलत पॉश्चर के कारण स्लिप डिस्क (Herniated Disc) की समस्या आम हो गई है। ये स्थिति तब होती है जब रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है और नसों पर दबाव डालती है। नतीजतन तेज कमर दर्द, चलने-फिरने में दिक्कत और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द महसूस होने लगता है।
आधुनिक जीवनशैली की इस गंभीर समस्या का हल सिर्फ दवाओं तक सीमित नहीं है। आयुर्वेद और योग ऐसे प्राकृतिक उपाय प्रदान करते हैं जो लंबे समय तक आराम दे सकते हैं। नियमित रूप से कुछ खास योगासन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, मांसपेशियों में लचीलापन आता है और दर्द में राहत मिलती है।
वज्रासन को भोजन के बाद भी किया जा सकता है। ये न केवल पाचन में सुधार करता है, बल्कि स्लिप डिस्क से पीड़ित लोगों के लिए आरामदायक भी है। इसमें रीढ़ की हड्डी स्थिर रहती है और शरीर को संतुलन मिलता है। लंबे समय तक बैठने की आदत सुधारने के लिए ये आसन बेहद लाभकारी है।
भुजंगासन स्लिप डिस्क से राहत दिलाने वाला सबसे प्रभावी आसन माना जाता है। इस आसन में शरीर को कोबरा की तरह ऊपर उठाया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर पड़ा दबाव कम होता है और मांसपेशियां एक्टिव हो जाती हैं। ये पीठ दर्द को कम करने के साथ-साथ नसों पर पड़े तनाव को भी घटाता है।
शलभासन स्लिप डिस्क की समस्या में मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है। पेट के बल लेटकर दोनों पैरों को ऊपर उठाने से पीठ और कूल्हों की मांसपेशियां एक्टिव होती हैं। इससे रीढ़ पर दबाव घटता है और दर्द कम होता है। इसके साथ ही ये आसन पॉश्चर को सुधारता है और चोट लगने की संभावना कम करता है।
उष्ट्रासन में शरीर को पीछे की ओर झुकाया जाता है। इससे रीढ़ के हर हिस्से में खिंचाव आता है और रक्त संचार बेहतर होता है। ये आसन स्लिप डिस्क में दर्द को कम करने के साथ रीढ़ को सीधी और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। खास बात ये है कि ये मानसिक तनाव को भी घटाता है, जो पीठ दर्द को और बढ़ा सकता है।
मकरासन में पेट के बल लेटकर पूरे शरीर को ढीला छोड़ दिया जाता है। ये आसन पीठ की मांसपेशियों को गहरी राहत देता है और दर्द में तुरंत आराम पहुंचाता है। स्लिप डिस्क की समस्या वाले मरीजों के लिए ये मुद्रा बेहद फायदेमंद है क्योंकि ये रीढ़ को आराम और सहारा दोनों देती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।