आज की तेज और व्यस्त जीवनशैली ने हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। मानसिक तनाव, अनियमित खान-पान और कम सक्रियता के चलते लोग कम उम्र में ही हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों की चपेट में आ रहे हैं। एंग्जायटी, उच्च रक्तचाप और दिल की अनियमित धड़कन अब आम समस्याएं बन गई हैं। ऐसे में समय रहते हृदय की देखभाल करना बेहद जरूरी है।
तन और मन दोनों के संतुलन का साधन योग हृदय के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है। योग से न केवल ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, बल्कि ये ब्लड में कोलेस्ट्रॉल और लिपिड जमा होने को भी रोकता है। नियमित अभ्यास से एथेरोस्क्लेरोसिस और हार्ट स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा कम होता है।
हृदय गति नियंत्रित करने वाले योगासन
हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और धड़कनों को संयमित करने के लिए कई योगासन बेहद लाभकारी हैं।
वीरभद्रासन न केवल शरीर में संतुलन सुधारता है बल्कि सहनशक्ति और ऊर्जा बढ़ाने में भी मदद करता है। तनाव घटाने और रक्तचाप नियंत्रित करने के कारण ये हृदय की धड़कनों को नियमित रखता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।
भुजंगासन फेफड़ों को मजबूत बनाता है और श्वसन प्रणाली को दुरुस्त करता है। ये रक्त संचार को सुधारकर दिल में ब्लॉकेज को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय गति संतुलित रहती है और हृदय रोगों का खतरा घटता है।
ताड़ासन एक सरल लेकिन बेहद असरदार योग है। खड़े होकर इसे घर, ऑफिस या बाहर कहीं भी किया जा सकता है। ये श्वसन प्रणाली और रक्त संचार दोनों को सक्रिय करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है और रक्तचाप को सामान्य स्तर पर रखता है।
प्राणायाम सांसों को नियंत्रित करने की कला है। नियमित अभ्यास से हृदय गति संतुलित होती है और शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है। तनाव घटने से उच्च रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। विशेष रूप से कपालभाति, भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम प्राणायाम हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।
योग से हृदय को रखें स्वस्थ
योग न केवल हृदय गति को नियंत्रित करता है, बल्कि तनाव, उच्च रक्तचाप और ब्लॉड सर्कुलेशन जैसी समस्याओं में भी सुधार लाता है। नियमित अभ्यास से शरीर और मन दोनों मजबूत बनते हैं, जिससे हृदय लंबी उम्र तक स्वस्थ रहता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।