माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं, बल्कि एक शारीरिक और मानसिक चुनौती है। ये अक्सर सिर के एक तरफ शुरू होता है और समय के साथ तेज या धीमे दर्द के रूप में महसूस होता है। माइग्रेन से न केवल सिर में दर्द होता है, बल्कि मतली, चक्कर और तेज रोशनी या आवाज जैसी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। कई बार ये दर्द घंटों से लेकर कई दिनों तक जारी रह सकता है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियां प्रभावित होती हैं। वहीं, दवाइयों के लगातार इस्तेमाल से शरीर पर साइड इफेक्ट्स का खतरा भी रहता है। ऐसे में प्राकृतिक उपायों की ओर ध्यान देना बेहद जरूरी है। योगाभ्यास माइग्रेन में राहत पाने का एक कारगर तरीका साबित हुआ है।
विभिन्न योग आसन मस्तिष्क को शांत करते हैं, तनाव घटाते हैं, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं और तंत्रिका तंत्र को संतुलित रखते हैं। नियमित अभ्यास से माइग्रेन की आवृत्ति और तीव्रता दोनों कम की जा सकती है।
अधोमुख श्वानासन मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है और माइग्रेन दर्द को कम करता है। साथ ही, ये लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
पश्चिमोत्तानासन मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव को कम करता है। तनाव माइग्रेन का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए इस आसन का नियमित अभ्यास दर्द को कम करने में मददगार साबित होता है।
बालासन या बाल मुद्रा तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करती है। इस आसन में एड़ियों, कूल्हों और जांघों का खिंचाव शरीर के तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, जिससे माइग्रेन का दर्द गायब हो जाता है।
सेतुबंधासन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और दिमाग को सही मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। ये आसन चिंता और तनाव को दूर करता है, जिससे माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है।
मार्जरीआसन से मांसपेशियों को राहत मिलती है और दिमाग शांत होता है। ये सांस लेने की क्षमता बढ़ाता है और तनाव को कम करता है, जिससे माइग्रेन का दर्द कम होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।