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12,431 आदमी, महिला बनकर 'लाडकी बहिन योजना' के तहत उठा रहे थे पैसे, महाराष्ट्र सरकार को लगाया 164 करोड़ रुपए का चूना

Majhi Ladki Bahin Scheme:

अपडेटेड Oct 22, 2025 पर 3:40 PM
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इस योजना के तहत 21 से 65 साल की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये मिलते हैं

Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार की ख़ास 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। यह योजना सिर्फ महिलाओं के लिए है, पर RTI से पता चला है कि 12,431 पुरुषों ने भी चुपचाप इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराकर हर महीने पैसे ले रहे थे। आइए आपको बताते हैं क्या है यह योजना है कैसे हुआ इतना बड़ा फ्रॉड।

क्या है पूरा घोटाला?

'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' जून 2024 में शुरू हुई थी। इसके तहत 21 से 65 साल की उन महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये मिलते हैं, जिनके परिवार की सालाना इनकम ढाई लाख रुपये से कम है। महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) के RTI जवाब के अनुसार, 12,431 पुरुष और साथ ही 77,980 अयोग्य महिलाएं भी करीब एक साल तक इस योजना का लाभ लेती रहीं। इस गलत तरीके से हुए पैसे के बंटवारे से सरकारी खजाने को करीब 164.52 करोड़ रुपये का चूना लगा है।


पुरुषों को मिले: 24.24 करोड़ रुपये।

अयोग्य महिलाओं को मिले: 140.28 करोड़ रुपये।

विभाग ने बताया है कि इन सभी गलत अकाउंट्स में पैसे भेजना तो बंद कर दिया गया है, लेकिन अभी तक पैसे वापस लेने की कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

पैसे उठाने में सरकारी बाबू भी नहीं रहे पीछे

वैसे यह मामला सिर्फ पुरुषों का महिला बनकर पैसे डकारने तक ही सीमित नहीं है। एक और RTI जवाब से पता चला है कि करीब 2,400 सरकारी कर्मचारियों ने भी इसका लाभ लिया, जबकि नियम के हिसाब से वे इसके लिए अयोग्य हैं। ये गड़बड़ी कृषि, समाज कल्याण, आदिवासी विकास जैसे कई सरकारी विभागों में पाई गई। इस फ्रॉड में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

26 लाख खातों में पैसे ट्रांसफर पर लगी रोक

अधिकारियों ने बताया कि यह गड़बड़ी एक राज्यव्यापी वेरिफिकेशन ड्राइव के दौरान सामने आई। इसमें गलत डेटा एंट्री, इनकम की गलत जानकारी, और दोहरा लाभ लेने जैसे मामले पकड़े गए। अगस्त में मंत्री अदिति तटकरे ने कहा था कि शुरुआती डेटा के हिसाब से करीब 26 लाख लाभार्थी ऐसे थे जो नियमों पर खरे नहीं उतरते थे। इस खुलासे के बाद सरकार ने 26.34 लाख संदिग्ध अकाउंट्स में जून और जुलाई 2025 के बीच पैसे भेजना रोक दिया था और अब उनकी डिटेल में जांच चल रही है।

चुनाव से पहले शिवसेना-बीजेपी सरकार ने लॉन्च की थी स्कीम

यह योजना एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-बीजेपी सरकार ने 2024 विधानसभा चुनाव से महज कुछ महीने पहले शुरू की थी। तब विपक्ष ने इसे चुनावी दांव बताकर आलोचना की थी। फिलहाल इस योजना में करीब 2.41 करोड़ महिलाएं रजिस्टर्ड हैं, जिस पर सरकारी खजाने को हर महीने 3,700 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते है। अब सरकार ने आगे ऐसे गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सभी लाभार्थियों का e-KYC वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है।

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