'2014 के चुनाव में CIA और मोसाद ने रची थी साजिश', कांग्रेस नेता कुमार केतकर का विस्फोटक दावा, स्थिर सरकार नहीं चाहते थे विदेशी जासूस

2014 Lok Sabha Election: केतकर ने आरोप लगाया कि विदेशी एजेंसियों ने फैसला किया था कि कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनावों में 2009 की अपनी 206 सीटों की संख्या को पार नहीं करनी चाहिए। उन्होंने दावा किया, 'उन संगठनों में से एक CIA था और दूसरा इजराइल का मोसाद'

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 4:05 PM
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केतकर ने कहा है कि विदेशी जासूसी एजेंसियां नई दिल्ली में कांग्रेस के नेतृत्व वाली स्थिर सरकार को बनने से रोकना चाहती थीं

Congress Leader Kumar Ketkar: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व सांसद कुमार केतकर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार को लेकर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और इजराइल की मोसाद ने मिलकर कांग्रेस पार्टी को हराने की 'साजिश' रची थी। केतकर का कहना है कि ये विदेशी जासूसी एजेंसियां नई दिल्ली में कांग्रेस के नेतृत्व वाली स्थिर सरकार को बनने से रोकना चाहती थीं।

कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए रची गई साजिश: केतकर

संविधान दिवस पर कांग्रेस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए, केतकर ने तर्क दिया कि पार्टी की सीटों में 2009 में 206 से 2014 में 44 तक की भारी गिरावट को केवल घरेलू राजनीति से नहीं समझाया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह 'लोगों का जनादेश नहीं' था। उन्होंने दावा किया कि 2014 के चुनावों से पहले एक खेल शुरू किया गया था और यह तय किया गया कि कांग्रेस की सीटों की संख्या को 206 से किसी भी हाल में बढ़ने नहीं दिया जाना चाहिए। केतकर ने आरोप लगाया कि विदेशी एजेंसियों का मानना था कि भारत में खेल खेलने के लिए कांग्रेस को सत्ता से दूर धकेलना जरूरी है।


CIA और मोसाद पर लगाए गंभीर आरोप

केतकर ने आरोप लगाया कि विदेशी एजेंसियों ने फैसला किया था कि कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनावों में 2009 की अपनी 206 सीटों की संख्या को पार नहीं करनी चाहिए। उन्होंने दावा किया, 'उन संगठनों में से एक CIA था और दूसरा इजराइल का मोसाद।' उनका तर्क था कि दोनों एजेंसियों का मानना था कि अगर कोई स्थिर कांग्रेस या कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में आता है, तो वे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे या अपनी पसंदीदा नीतियों को लागू नहीं कर पाएंगे।

केतकर ने यह भी आरोप लगाया कि मोसाद ने भारतीय राज्यों और निर्वाचन क्षेत्रों पर विस्तृत डेटा तैयार किया था, और CIA तथा मोसाद चुनावी परिणामों को प्रभावित करने के लिए व्यापक चुनावी डेटाबेस रखते थे।

'मनमोहन सिंह से थी नाराजगी पर नहीं था घरेलू असंतोष'

केतकर ने स्वीकार किया कि 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ 'कुछ असंतोष' था, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अकेले कांग्रेस के 206 से 44 सीटों पर आने को सही नहीं ठहरा सकता। उन्होंने कहा, 'यह लोगों का जनादेश नहीं था,' यह सुझाव देते हुए कि घरेलू सत्ता विरोधी लहर हार की भयावहता को पूरी तरह से नहीं समझा सकती।

केतकर ने अपने आरोप को एक व्यापक ऐतिहासिक दावे से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लंबे समय से भारत के 'बाल्कनीकरण' (छोटे, कमजोर टुकड़ों में टूटने) की इच्छा रखते थे, और सुझाव दिया कि यह कथित विदेशी खुफिया गतिविधि बाहरी शक्तियों के राजनीतिक रूप से विभाजित भारत चाहने के व्यापक पैटर्न में फिट बैठती है।

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