Dehradun Cloudbursts: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और राज्य के कई अन्य हिस्सों में मंगलवार को बादल फटने और भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई। उफनती नदियों के तेज बहाव में इमारतें, सड़कें और पुल बह गए, जिससे 15 लोगों की मौत हो गई, 16 लोग लापता हैं, और पहाड़ी राज्य में 900 लोग अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) ने बताया कि लापता लोगों की तलाश जारी है, जबकि NDRF, SDRF और अग्निशमन दल के कर्मियों ने फंसे हुए अधिकांश लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अग्निशमन दल के कर्मियों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर फंसे कम से कम 900 लोगों को बचाया गया।
देहरादून के पौंधा इलाके में देवभूमि इंस्टीट्यूट कैंपस में जलभराव के कारण फंसे करीब 400-500 छात्रों को एसडीआरएफ की टीम ने बचाया। एक लड़का जो बिजली के खंभे पर चढ़कर खुद को नदी के तेज बहाव से बचाने की कोशिश कर रहा था, उसे एक एसडीआरएफ जवान ने अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सी की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला।
उफान पर नदियां, मंदिर हुए जलमग्न
भारी बारिश के कारण अधिकांश नदियां उफान पर हैं। तमसा नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर जलमग्न हो गया, जिससे इसके प्रवेश द्वार के पास बनी हनुमान जी की विशाल मूर्ति कंधों तक डूब गई। मंदिर के पुजारी बिपिन जोशी ने कहा कि उन्होंने पिछले 25 से 30 वर्षों में नदी का जलस्तर इतना ऊंचा होते नहीं देखा।
ये इलाके रहे सबसे ज्यादा प्रभावित
जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार, सहस्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला इस आपदा से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए। सहस्रधारा में 192 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद मालदेवता (141.5 मिमी), हाथी बड़कला और जॉली ग्रांट (प्रत्येक 92.5 मिमी) और कालसी (83.5 मिमी) में भारी बारिश हुई।
देहरादून जिले में कई सड़कें टूट गईं और कई पुल बह गए। देहरादून-मसूरी सड़क भी कई जगहों पर टूट गई है। जब तक सड़क बहाल नहीं हो जाती पुलिस ने पर्यटकों और आगंतुकों से अपनी सुरक्षा के लिए होटलों, घरों या होमस्टे में रहने की अपील की है। नैनीताल में एक सड़क भूस्खलन के कारण मलबे से अवरुद्ध हो गई। मझारा गांव के निवासियों को सड़क पर ही शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनका दावा है कि कुछ लोग लापता भी हो गए हैं।
सरकार ने तत्काल लिया एक्शन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उनके साथ स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी थे। धामी ने भारी बारिश के बाद उत्तराखंड की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी जानकारी दी। CMO के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और कहा है कि संकट की इस घड़ी में केंद्र उत्तराखंड के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है।
इस बीच आईएमडी ने अगले 24 घंटों में अचानक बाढ़ का कम से मध्यम जोखिम बताया है। कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ आंधी-तूफान की भी उम्मीद है, और आज अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की भी संभावना है। जिन जिलों में जोखिम है उनमें चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी शामिल हैं।