Hyderabad News: हैदराबाद में चारमीनार के पास की एक मोती की दुकान में आज सुबह भीषण आग लग गई। अधिकारियों के अनुसार, रविवार को चारमीनार के पास स्थित गुलजार हाउस में एक बिल्डिंग में भीषण आग लगने से कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। आग सुबह करीब 6-6:30 बजे लगी थी, जिसके बाद फायर ब्रिगेड को घटनास्थल पर कई लोग बेहोश मिले। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटना पर दुख व्यक्त किया और वरिष्ठ अधिकारियों को इमारत में फंसे लोगों को बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
आग ग्राउंड फ्लोर पर लगी और ऊपरी मंजिलों तक फैल गई। आग लगने से धुएं का गुबार छा गया जिससे कुछ लोग बेहोश हो गए। इस आग को बुझाने और फंसे हुए लोगों को बचाने में कुल 11 वाहन, एक अग्निशमन रोबोट, 17 अग्निशमन अधिकारी और 70 कर्मचारी शामिल थे। मृतकों की पहचान प्रहलाद (70), मुन्नी (70), राजेंद्र मोदी (65), सुमित्रा (60), हमी (7), अभिषेक (31), शीतल (35), प्रियांश (4), इराज (2), आरुषि (3), ऋषभ (4), प्रथम (1.5), अनुयान (3), वर्षा (35), पंकज (36), रजनी (32) और इद्दू (4) के रूप में हुई है।
ग्राउंड फ्लोर पर थी दुकान और ऊपर रहता था परिवार
आग चारमीनार के पास गुलजार हाउस में एक मोती की दुकान में लगी। मोती व्यापारी की दुकान मोदी पर्ल्स ग्राउंड फ्लोर पर थी, जबकि उनका परिवार और कुछ मजदूरों का परिवार पहली मंजिल पर रहते थे। आग की लपटों ने तेजी से पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। आग की सूचना के बाद फायर ब्रिगेड ने मोर्चा संभाला और अंदर फंसे कई लोगों को निकालने में सफल रहा। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पीएमओ के एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी में हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने घटनास्थल पर मीडिया से कहा, 'आग एक परिवार की मोती की दुकान में लगी। उनका घर दुकान के ऊपर की मंजिल पर था। यह दुर्घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुई। इस दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई है। कुछ लोग घायल भी हुए हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं, लेकिन चूंकि हैदराबाद एक तेजी से विकसित हो रहा शहर है, इसलिए पुलिस, नगरपालिका, अग्निशमन और बिजली विभागों को मजबूत किया जाना चाहिए। यहां अग्निशमन विभागों के पास पर्याप्त उपकरण नहीं हैं।'