आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश तेज कर दी है। इसी क्रम में पटना में (25 सितंबर) को महिला सशक्तिकरण संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तेजस्वी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है।
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की महिलाएं अकल में नंबर वन हैं, जबकि मुख्यमंत्री नकल में नंबर वन हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी योजनाओं की नकल करके सरकार केवल जनता को भ्रमित कर रही है।
तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम के दौरान ऐलान किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो ‘माई बहन मान योजना’ के तहत बिहार की हर महिला को हर महीने 2500 रुपए दिए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोषणा के बाद सरकार घबरा गई और जल्दबाजी में महिलाओं को 10 हजार रुपए देने का ऐलान कर दिया। लेकिन यह व्यावहारिक नहीं है और इसे सभी मायने में लागू नहीं किया जा सकता।
महिला संवाद कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर भी नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता में हैं, लेकिन पेंशन की राशि केवल 400 रुपए ही दी जाती थी। हमने दबाव बनाया तो सरकार को इसे बढ़ाकर 1100 रुपए करना पड़ा। हमारी सरकार बनने पर यह पेंशन 1500 रुपए कर दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने रोजगार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में केवल 17 महीनों में 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई थी। लेकिन आज बिहार देश का सबसे गरीब और बेरोजगार राज्य बना हुआ है।
कार्यक्रम में तेजस्वी ने कहा कि महिलाओं की वजह से घर चलता है, लेकिन उनकी समस्याओं को कोई नहीं सुनता। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार में महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ेगा और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी शामिल किया जाएगा।
तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। राजनीतिक दल लगातार नए वादों और घोषणाओं के जरिए वोटरों को साधने की कोशिश में जुटे हैं। राजनीतिक जानकार मानते है कि तेजस्वी का यह कार्यक्रम साफ तौर पर महिला मतदाताओं को लुभाने की रणनीति का हिस्सा है।