विप्रो के फाउंडर और चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसमें कंपनी के सरजापुर कैंपस से होकर सड़क मार्ग खोलने की बात कही गई थी। सरकार का मानना था कि इससे आउटर रिंग रोड (ORR) पर ट्रैफिक जाम कम होगा।
प्रेमजी ने 24 सितंबर को सीएम सिद्धारमैया को लिखे पत्र में कहा कि बेंगलुरु का ट्रैफिक एक जटिल समस्या है और इसका हल किसी एक कदम या 'सिल्वर बुलेट' से नहीं निकलेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरी परिवहन प्रबंधन में वर्ल्ड-क्लास एक्सपर्ट की मदद से एक व्यापक स्टडी करवाई जाए, जो शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म रोडमैप तैयार करे। विप्रो इसके खर्च का बड़ा हिस्सा उठाने के लिए भी तैयार है।
प्रेमजी ने कंपनी की सीनियर प्रतिनिधि रेश्मी शंकर (Reshmi Shankar) को राज्य सरकार के साथ आगे की बातचीत के लिए नामित भी किया है।
कानूनी और सिक्योरिटी कारण बताए
सिद्धारमैया सरकार की मांग को ठुकराते हुए प्रेमजी ने कहा कि सरजापुर कैंपस एक स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) है। यहां ग्लोबल क्लाइंट्स के लिए कड़े नियम लागू होते हैं। इसमें 'नॉन-नेगोशिएबल एक्सेस कंट्रोल नॉर्म्स' हैं। इसके चलते आम जनता को अंदर से गुजरने देना न तो कानूनी रूप से सही है और न ही लंबी अवधि के लिए टिकाऊ।
हालांकि प्रेमजी ने यह भी कहा कि विप्रो कर्नाटक सरकार के साथ मिलकर बेंगलुरु की मोबिलिटी चुनौतियों का हल खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लिखा कि सहयोगी और डेटा-ड्रिवन अप्रोच ही सबसे असरदार नतीजे देगी।
सीएम सिद्धारमैया का प्रस्ताव क्या था?
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 19 सितंबर को प्रेमजी को पत्र लिखकर ORR पर भीड़ कम करने के लिए विप्रो कैंपस से लिमिटेड एक्सेस देने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री के पत्र में दावा किया गया था कि ट्रैफिक और अर्बन मोबिलिटी एक्सपर्ट्स की शुरुआती स्टडी के मुताबिक, अगर यह रास्ता खुलता है तो पीक ऑवर में ORR पर ट्रैफिक 30% तक कम हो सकता है।