भरतपुर के बयाना उपखंड क्षेत्र के समोगर गांव में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने सभी को सकते में डाल दिया। गंभीर नदी के किनारे बनी एक बगीचे के सफेदा के पेड़ पर करीब 10 फीट लंबा विशाल अजगर लिपटा हुआ मिला। इसे देखकर आसपास के लोग बेहद परेशान और डरे हुए नजर आए। स्थानीय लोगों को सूचना तब लगी जब पेड़ के आसपास पक्षियों की चहचहाहट और शोर मचने लगा। लोगों ने जैसे ही ऊपर देखा, तो वहां विशाल अजगर को देखकर दंग रह गए।
ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। अजगर को पेड़ से नीचे उतारने में वन विभाग के कर्मचारियों को करीब ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरी में अजगर को सुरक्षित पकड़कर घने जंगलों में छोड़ दिया गया, ताकि वह फिर से प्राकृतिक आवास में लौट सके।
वन विभाग के फॉरेस्टर ने बताया कि यह अजगर बरसात के मौसम में गंभीर नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण बहकर गांव तक पहुंचा होगा। बरसात के दिनों में ऐसे सर्प प्रजातियां सुरक्षित ठिकानों की तलाश में आबादी वाले इलाकों में आ जाती हैं। वन विभाग यह भी साफ करता है कि अजगर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है, इसलिए इसे मारना गलत होगा। ऐसे जानवरों को देखने पर तुरंत वन विभाग को सूचित करना चाहिए ताकि वे उन्हें सुरक्षित ढंग से पकड़कर वापस जंगल में छोड़ सकें।
समोगर गांव के रहने वाले सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि अजगर का दिखना गांव के लिए नए अनुभव जैसा था। उन्होंने कहा कि यह अजगर गांव के बगीचे में सफेदा के पेड़ों पर लिपटा मिला, जहां कई पक्षी रहते हैं। यह घटना ग्रामीणों के लिए यादगार और कुछ हद तक चिंताजनक भी रही। वन विभाग ने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि ऐसी घटनाओं में घबराएं नहीं और तुरंत जिम्मेदार अधिकारियों को सूचित करें। यह अजगर मानव जीवन के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना आवश्यक है।