Nepal Protest: नेपाल दंगों का असर भारत तक! UP में हाई अलर्ट, बॉर्डर सील, फ्लाइट डायवर्ट, व्यापार ठप!
Nepal Protest: हिंसा में पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री झलानाथ खनाल के घर को आग के हवाले कर दिया गया, कई राजनीतिक दफ्तरों में तोड़फोड़ हुई और धनगढ़ी में सैकड़ों कैदियों को रिहा कर दिया गया। हालात बिगड़ने के बाद भारत ने भी अपना रुख सख्त कर लिया है। सीमाएं सील कर दी गई हैं, जिसकी वजह से बहराइच में करीब 200 ट्रक फंसे हुए हैं
हिंसा में पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री झलानाथ खनाल के घर को आग के हवाले कर दिया गया, कई राजनीतिक दफ्तरों में तोड़फोड़ हुई और धनगढ़ी में सैकड़ों कैदियों को रिहा कर दिया गया। हालात बिगड़ने के बाद भारत ने भी अपना रुख सख्त कर लिया है। सीमाएं सील कर दी गई हैं, जिसकी वजह से बहराइच में करीब 200 ट्रक फंसे हुए हैं
भारत-नेपाल की 600 किलोमीटर लंबी सीमा पर उत्तर प्रदेश के जिलों में तनाव फैला है, क्योंकि पड़ोसी देश में हिंसा और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बहराइच से लखीमपुर खीरी तक सशस्त्र सीमा बल (SSB) और राज्य पुलिस ने क्रॉसिंग को सील कर दिया, नागरिकों की आवाजाही को रोक दिया, और बॉर्डर पर रात भर गश्त शुरू कर दी। नेपाल में भीड़ के सरकारी भवनों में आग लगाने, नेताओं पर हमला करने और जेलों पर धावा बोलने के बाद ये कार्रवाई की गई है।
हिंसा में पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री झलानाथ खनाल के घर को आग के हवाले कर दिया गया, कई राजनीतिक दफ्तरों में तोड़फोड़ हुई और धनगढ़ी में सैकड़ों कैदियों को रिहा कर दिया गया। हालात बिगड़ने के बाद भारत ने भी अपना रुख सख्त कर लिया है। सीमाएं सील कर दी गई हैं, जिसकी वजह से बहराइच में करीब 200 ट्रक फंसे हुए हैं।
सोनौली जाने वाली बसों की संख्या आधी कर दी गई है। काठमांडू जाने वाली फ्लाइट्स को भी उत्तर प्रदेश के दूसरे एयरपोर्ट्स पर डायवर्ट किया गया है। इसके चलते यूपी के सात सीमावर्ती जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
भारत-नेपाल सीमा ऐतिहासिक रूप से खुली रही है, जिससे वीजा-फ्री यात्रा और फल-फूल रहा व्यापार संभव हुआ है। लेकिन मंगलवार शाम से यह सामान्य स्थिति एकदम बदल गई है। बहराइच के रुपईडीहा और लखीमपुर खीरी के गौरीफंटा में, चौकियों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है और दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
केवल वैध दस्तावेजों वाले नेपाली नागरिकों को ही वापस जाने की अनुमति दी गई, जबकि भारतीय नागरिकों को अपनी यात्राएं टालने के लिए कहा गया है।
बहराइच में तैनात SSB के एक अधिकारी ने बताया “सीमा पार की तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए एंट्री प्रोटोकॉल कड़े कर दिए गए हैं। अभी भारतीय नागरिकों को नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं है।”
महराजगंज के सोनौली बॉर्डर, जो भारत-नेपाल के सबसे व्यस्त गेटवे में से एक है, उस पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है। SSB की 66वीं बटालियन ने अतिरिक्त जवान तैनात कर दिए हैं और नेपाल की ओर जाने वाले पूरे ट्रैफिक को भी रोक दिया गया है। वहीं, नेपाल से लौटने वाले भारतीयों की कड़ी जांच के बाद ही उन्हें अंदर आने दिया जा रहा है।
भारतीय सीमा के पास तक पहुंची हिंसा
नेपाल में चल रहे हिंसक प्रदर्शन भारतीय इलाके के बेहद करीब पहुंच गए हैं। बहराइच में, प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सीमा से बमुश्किल 50 मीटर दूर जमुनहा चेकपोस्ट पर हमला किया, जिससे सुरक्षा बलों को अपनी बैरिकेडिंग दोगुनी करनी पड़ी।
महाराजगंज के बेलहिया में, दंगाइयों ने कस्टम कार्यालय में आग लगा दी और दुकानों में लूटपाट की। सिद्धार्थनगर में, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिससे भारतीय एजेंसियों को अपनी सीमा पर नाकेबंदी करनी पड़ी और कड़ी जांच करनी पड़ी।
लखीमपुर खीरी में सीमा से सटे गांवों के लोगों ने बताया कि देर रात उन्हें नेपाल की ओर से सायरन और गोलियों की आवाजें सुनाई दीं। यह तब हुआ जब नेपाली सुरक्षा बल भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहे थे।
व्यापार और परिवहन पर असर
हिंसा की वजह से सीमा पर व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है। सिर्फ बहराइच में ही करीब 200 ट्रक फंसे हुए हैं, जिनमें पेट्रोलियम प्रोडक्ट, LPG सिलेंडर, सीमेंट और अनाज लदा हुआ है। केवल कुछ जरूरी सामान ले जाने वाले टैंकरों को ही सेना की सुरक्षा में नेपाल भेजा गया।
सिद्धार्थनगर और महाराजगंज के स्थानीय व्यापारियों के लिए हालात बेहद नुकसानदेह साबित हुए हैं। नौतनवा में किराना की दुकान चलाने वाले अशोक गुप्ता ने कहा, “नेपाल से आने वाले ग्राहक ही हमारे ज्यादातर खरीदार हैं। रविवार तक रोजाना दर्जनों ग्राहक आते थे, लेकिन अब एक भी नहीं आ रहा।”
यात्रियों की आवाजाही पर भी बड़ा असर पड़ा है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के अनुसार, गोरखपुर डिवीजन में सोनौली बॉर्डर तक जाने वाली बस सेवाओं में 50% की कटौती की गई है।
फ्लाइट यूपी की ओर डायवर्ट
हवाई यात्रा भी प्रभावित हुई है। मंगलवार को काठमांडू जाने वाली कम से कम चार फ्लाइट्स को अशांति के कारण त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से डायवर्ट कर लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर उतारा गया। वहीं, अबू धाबी से आने वाली एक और फ्लाइट, जिसमें 144 यात्री सवार थे, उन्हें वाराणसी एयरपोर्ट पर उतारा गया।
शाम तक, लखनऊ के रनवे पर दिल्ली, दुबई और बैंकॉक से काठमांडू जाने वाले विमानों की कतार लग गई। अधिकारियों ने यात्रियों के ठहरने और आगे की यात्रा का प्रबंध करने में तेजी दिखाई।
रोजमर्रा की जिंदगी पर असर
सीमा बंद होने से शादियों और पारिवारिक कार्यक्रमों तक पर असर पड़ा है। महाराजगंज में भैरहवा के दूल्हे शाहनवाज को नौतनवा में अपनी शादी के लिए भारत आने की इजाजत तभी मिली जब उन्होंने कई ID और लिखित अनुमति पत्र दिखाए। उनका मामला अपवाद था, क्योंकि आम लोगों की सीमा पार आवाजाही लगभग बंद हो गई है।
बहराइच में वे ग्रामीण, जो रोजाना किराने का सामान लेने या रिश्तेदारों से मिलने नेपाल जाते थे, फंसे रह गए। रुपैडिहा की रहने वाली सीता देवी ने कहा, “हमारी जिंदगी नेपाल से गहराई से जुड़ी है। एक दिन भी सीमा पार न जा पाना ऐसे लगता है, जैसे परिवार से कट गए हों।”
उथल-पुथल के बीच भारत के धार्मिक नेताओं ने शांति की अपील की। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नेपाल को “भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिवार का अभिन्न हिस्सा” बताते हुए प्रदर्शनकारियों से हिंसा छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाने का आग्रह किया।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने साफ किया कि सीमा की सुरक्षा उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम सातों सीमावर्ती जिलों पर चौबीसों घंटे निगरानी रख रहे हैं। अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी गई है और ड्रोन से निगरानी की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।”
भारत-नेपाल सीमा, जो लंबे समय से सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक साझेदारी का प्रतीक रही है, अब कड़ी सुरक्षा वाली सीमा में बदल गई है। बहराइच और महाराजगंज में बने वॉचटावर पर 24 घंटे जवान तैनात हैं। पुलिस गश्त लगातार गांव-गांव घूम रही है और सुरक्षा एजेंसियों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की घुसपैठ न होने पाए।
फिलहाल, उत्तर प्रदेश की सीमावर्ती पट्टी हाई अलर्ट पर है। इसकी शांति नेपाल में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल की गिरफ्त में है। जब तक वहां हालात सामान्य नहीं होते, दोनों तरफ के लोगों की जिंदगी पर तनाव बना रहेगा।