Aditi Parathe NASA Tour: हर सुबह 9 बजे अदिति पारथे अपने घरे 3.5 किमी पैदल चलकर पुणे के भोर तालुका स्थिति निगुडाघर जिला परिषद स्कूल जाती है। शाम को 5 बजे वो फिर उसी रास्ते से पैदल चलकर अपनी मौसी के घर लौटती है। उसके पिता और मामा पुणे की यार्ड मार्केट में दिहाड़ी मजदूर हैं, जबकि मां बड़े भाई के साथ गांव में रहती है। उसके घर में किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है और स्कूल में कोई कंप्यूटर नहीं है। लेकिन जब अदिति पुणे जिला परिषद द्वारा आयोजित नासा जाने वाली ट्रिप के 25 बच्चों में चुनी गई, किसी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अंतर-विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी केंद्र (IUCAA) के सहयोग से, 75 जिला परिषद स्कूलों के कक्षा 6 और 7 के छात्रों का चयन अगस्त के अंत में तीन चरणों की परीक्षा के माध्यम से किया गया। इनमें से 50 छात्र 6 अक्टूबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) तिरुवनंतपुरम के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना हुए, और अन्य 25 छात्र नासा जाएंगे। कक्षा 7 की छात्रा पारथे भी इन्हीं में शामिल हैं। पारथे, जिन्होंने कभी ट्रेन से यात्रा भी नहीं की, मुंबई से अमेरिका स्थित दुनिया की शीर्ष अंतरिक्ष एजेंसी के मुख्यालय का दौरा करेंगी। उनके लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है।
स्कूल में अपने हेडमास्टर के कमरे में बैठी पारथे की आंखों में खुशी के आंसू हैं। वह बताती हैं, 'जब मौसी को नासा जाने के बारे में बताया तो उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या कहें। मेरी मां का हाल और भी अजीब था। वह सबसे ज्यादा खुशी थीं। मैंने उन्हें सुबह 7 बजे फोन करके इस उपलब्धि की जानकारी दी। वैसे मैं उन्हें फोन करती हूं, लेकिन उस दिन उन्होंने मुझे कम से कम 15 बार फोन किया।’
पहले बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) परीक्षा राउंड में 13,671 छात्र शामिल हुए और हर ब्लॉक से शीर्ष 10% छात्रों का चयन दूसरे दौर में ऑनलाइन एमसीक्यू परीक्षा के लिए किया गया। चूंकि स्कूल में कंप्यूटर नहीं थे, इसलिए प्रिंसिपल अशोक बंदल ने अपने निजी लैपटॉप पर दूसरे दौर के लिए चुने गए छात्रों को कंप्यूटर चलाने की मूल बातें सिखाईं। अंतिम दौर के लिए 235 छात्रों का चुने गए, जिसमें आईयूसीएए में व्यक्तिगत साक्षात्कार शामिल था।
पारथे की स्कूल शिक्षिका वर्षा कुठवाड़ ने बताया कि पारथे के नासा में चुने जाने की खबर आने के बाद उन्हें साइकिल और बैग दिए गए हैं। एक लैपटॉप की भी मांग की गई है। वह कहती हैं कि अदिति खेलकूद, भाषण आदी में भी अच्छी है। पारथे को बचपन से पालने वाली उसकी मौसी मंगल कंक कहती हैं, ‘हममें से किसी ने हवाई जहाज देखा भी नहीं है, उसमें सफर करना तो बहुत दूर की बात है। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।’