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बिहार चुनाव के बाद देशभर में होगा SIR! चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को बुलाई एक बड़ी बैठक

इस बैठक में वरिष्ठ चुनाव आयोग अधिकारी, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त भी मौजूद रहेंगे। News18 की रिपोर्ट के अनुसार, हर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन देने के लिए कहा गया है। इसमें दस अहम बिंदु शामिल होंगे, जैसे मौजूदा मतदाताओं की संख्या, मतदान केंद्रों का पुनर्गठन, स्थानीय चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण और पुरानी वोटर लिस्ट का डिजिटलीकरण

अपडेटेड Sep 07, 2025 पर 6:16 PM
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बिहार चुनाव के बाद देशभर में होगा SIR! चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को बुलाई एक बड़ी बैठक

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) देशभर में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कराने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रक्रिया की शुरुआत पहले बिहार में परीक्षण के तौर पर की जाएगी। इस योजना पर चर्चा के लिए आयोग ने 10 सितंबर को दिल्ली में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) की एक बैठक बुलाई है।

इस बैठक में वरिष्ठ चुनाव आयोग अधिकारी, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त भी मौजूद रहेंगे। News18 की रिपोर्ट के अनुसार, हर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन देने के लिए कहा गया है। इसमें दस अहम बिंदु शामिल होंगे, जैसे मौजूदा मतदाताओं की संख्या, मतदान केंद्रों का पुनर्गठन, स्थानीय चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण और पुरानी वोटर लिस्ट का डिजिटलीकरण।

क्यों चुना गया बिहार सबसे पहले?


चुनाव आयोग ने अपने 24 जून के आदेश में साफ किया था कि सबसे पहले बिहार से शुरुआत होगी, क्योंकि राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहां विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया पहले से चल रही है और यह 30 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।

आदेश में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 का जिक्र किया गया है, जो चुनाव आयोग को यह अधिकार देती है कि वह वोटर लिस्ट की नई तैयारी का निर्देश दे सके ताकि उसकी शुद्धता और विश्वसनीयता बनी रहे। अधिकारियों ने बताया कि बिहार में किया जा रहा यह अभ्यास एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसे पूरे देश में लागू करने से पहले परखा जा रहा है।

इस विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया सामान्य वार्षिक मतदाता सूची संशोधन से कहीं ज्यादा बड़ा है। इसमें कई अहम कदम शामिल हैं:

  • मतदाताओं को पुराने रजिस्टरों से मिलाकर ताजा मैपिंग करना।
  • मतदान केंद्रों का पुनर्गठन, ताकि एक बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाता ही हों।
  • नागरिकता दस्तावेज़ों की जांच, ताकि गैर-नागरिकों का नाम सूची में न जुड़ सके।
  • जिला स्तर के अधिकारियों, बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) और एजेंटों को प्रशिक्षण देना।
  • खास जोर डिजिटलीकरण पर है, ताकि सभी राज्य अपनी अपडेटेड वोटर लिस्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।

विपक्ष का आरोप: चुनावी चाल

बिहार में चल रही वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि भाजपा इस प्रक्रिया का इस्तेमाल मौजूदा वोटर के नाम हटाने और नए नाम जोड़ने के लिए कर रही है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा उठा सके।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने गड़बड़ियों की शिकायतें की थीं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। वहीं चुनाव आयोग ने सफाई दी कि 1 अगस्त को जारी की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर किसी भी पार्टी के आधिकारिक प्रतिनिधि ने निर्धारित फॉर्मेट में न तो दावा किया और न ही कोई आपत्ति दर्ज कराई।

आयोग के मुताबिक, अब तक चल रही इस प्रक्रिया में बिहार की वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम हटाए जा चुके हैं।

देशभर में शुरू हो सकता है SIR

चुनाव आयोग (EC) ने अभी तक पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत की आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है। लेकिन News18 की रिपोर्ट के अनुसार, योजना यह है कि इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ लागू किया जाए।

दिल्ली में 10 सितंबर को होने वाला मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEO) का सम्मेलन इस प्रक्रिया के रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए बुलाया गया है।

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