GST राहत + शरणार्थियों को छूट- क्या PM मोदी का मास्टरस्ट्रोक BJP को जिता देगा बिहार?

Bihar Election 2025: GST में बदलाव के साथ अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए उन अल्पसंख्यकों को राहत दी गई है, जो 31 दिसंबर 2024 से पहले बिना वैध कागजात भारत आए थे। अब उन्हें Immigration और Foreigners Act, 2025 के तहत मुकदमे से छूट मिलेगी। इस फैसले से बीजेपी का "हिंदू सुरक्षा" वाला सीमाई नैरेटिव और मजबूत हुआ है

अपडेटेड Sep 05, 2025 पर 8:35 PM
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Bihar Election 2025: क्या PM मोदी का मास्टरस्ट्रोक BJP को जिता देगा बिहार?

देश में हाल ही में दो बड़े ऐलान हुए हैं- एक पड़ोसी देशों से आए सताए गए प्रवासियों से जुड़ा और दूसरा GST में बदलाव से जुड़ा। ये दोनों ऐलान सिर्फ दो दिन के भीतर हुए हैं और आने वाले समय में इनका बड़ा राजनीतिक असर हो सकता है, खासकर बिहार, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मोदी सरकार ने GST रेट को घटाकर सिर्फ दो स्लैब- 5% और 18% करने का बड़ा फैसला लिया है। इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा और इसका असर बिहार जैसे राज्यों में खास तौर पर दिख सकता है।

अब घर-घर में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे शैम्पू, टूथपेस्ट, खाने-पीने की चीजें, मक्खन, घी, पनीर और खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर, ड्रिप सिंचाई सिस्टम और स्प्रिंकलर जैसी मशीनें सस्ती होंगी। इससे मिडिल क्लास, महिलाएं और किसान, जो समाज की रीढ़ हैं, सबसे ज्यादा लाभ पाएंगे।

इसके अलावा, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर GST खत्म कर दिया गया है। साथ ही 33 जीवनरक्षक दवाइयों पर भी टैक्स नहीं लगेगा। यह दिखाता है कि सरकार की प्राथमिकता जनता का स्वास्थ्य है, जो आम नागरिकों के लिए बड़ी राहत है।


साथ ही, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए उन अल्पसंख्यकों को राहत दी गई है, जो 31 दिसंबर 2024 से पहले बिना वैध कागजात भारत आए थे। अब उन्हें Immigration और Foreigners Act, 2025 के तहत मुकदमे से छूट मिलेगी। इस फैसले से बीजेपी का "हिंदू सुरक्षा" वाला सीमाई नैरेटिव और मजबूत हुआ है।

हालांकि, बिहार की राजनीति ज्यादातर जातिगत समीकरणों, बेरोजगारी और स्थानीय प्रशासन पर आधारित रहती है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हालिया हिंसा के बीच यह कदम बीजेपी को अल्पसंख्यकों के लिए "संवेदनशीलता और करुणा" दिखाने का मौका देता है।

दिल्ली चुनाव से पहले मध्यम वर्ग को दी थी राहत

इस साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि अब 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह घोषणा दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, 5 फरवरी को की गई थी। माना जा रहा है कि इस फैसले ने मिडिल क्लास में बीजेपी के लिए सकारात्मक माहौल बनाया।

हालांकि, चुनावी नतीजों का सीधा असर इस घोषणा से जोड़कर नहीं देखा जा सकता, लेकिन इसका राजनीतिक लाभ बीजेपी को जरूर मिला। लंबे समय बाद, पार्टी ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की और आम आदमी पार्टी को बाहर कर दिया। आम आदमी पार्टी ने अब तक गरीब और निचले तबके के बीच अपनी योजनाओं के जरिए मजबूत पकड़ बनाई थी, लेकिन इस बार मिडिल क्लास की राहत वाली घोषणा बीजेपी के पक्ष में काम कर गई।

सरकार की दो बड़ी घोषणाएं

सरकार की पहली घोषणा पड़ोसी देशों से आए सताए गए प्रवासियों से जुड़ी है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले छह अल्पसंख्यक समुदायों- हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी शामिल हैं।

मंगलवार को सरकार ने एक निर्देश जारी किया, जिसके तहत इन अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। यह छूट उन लोगों को दी गई है, जो 31 दिसंबर, 2024 तक भारत में आ गए हैं, भले ही उनके पास वैध पासपोर्ट या ट्रैवल डॉक्यूमेंट न हो, या फिर जिनके पासपोर्ट और दस्तावेजों की समय-सीमा खत्म हो चुकी हो।

यह प्रावधान, जिसे गृह मंत्रालय (MHA) ने सोमवार को Immigration and Foreigners (Exemption) Order, 2025 के तहत अधिसूचित किया है, उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो 2014 के बाद भारत आए थे।

नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA), जो पिछले साल लागू हुआ था, उसके अनुसार, वे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, जो 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आए, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

सरकार की दूसरी बड़ी घोषणा GST में व्यापक कटौती से जुड़ी है, जिसका मकसद घर-परिवारों, किसानों, कारोबारियों और स्वास्थ्य क्षेत्र को राहत देना है।

GST सुधार सही समय पर?

56वीं GST काउंसिल मीटिंग में टैक्स स्लैब को घटाकर केवल दो कर दिया गया- 5% और 18%। इसके लिए 12% और 28% वाले स्लैब को मिला दिया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को बैठक की अध्यक्षता करने के बाद इस फैसले का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह बदलाव आम आदमी और मिडिल क्लास के हितों को ध्यान में रखकर किए गए हैं।

5% GST स्लैब में अब शामिल होंगे: हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर और दूसरे घरेलू सामान।

18% GST स्लैब अब स्टैंडर्ड रेट होगा, जिसमें ज्यादातर सामान और सेवाएँ आएंगी — जैसे छोटे कार और 350cc तक की मोटरसाइकिलें, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, घरेलू सामान और कई प्रोफेशनल सर्विसेज। यह दर पहले 28% थी।

40% स्लैब सिर्फ लक्ज़री और 'सिन गुड्स' पर लागू होगा — जैसे तंबाकू, सिगरेट, सिगार, मीठे कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, लक्ज़री गाड़ियाँ, 350cc से ज्यादा की बाइकें, यॉट्स और हेलिकॉप्टर।

ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ जरूरी सेवाओं और शैक्षणिक चीजों को पूरी तरह GST से छूट दी गई है। इसमें हेल्थ इंश्योरेंस, फैमिली फ्लोटर और लाइफ इंश्योरेंस शामिल हैं।

अब रोजमर्रा के सामान और लोगों की चाहत वाले सामान, जैसे कारें, सस्ते हो रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यह फैसला और उसका समय जनता के बीच गहरा असर डालेगा और बिहार जैसे चुनावी राज्य में बीजेपी को बढ़त दिला सकता है।

Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Sep 05, 2025 8:35 PM

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