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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी भारत की BrahMos मिसाइल की लोकप्रियता, खरीदने के लिए कतार में हैं ये 17 देश

ब्रह्मोस मिसाइल एक वर्सेटाइल और दुर्जेय हथियार है, जिसे जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह कई मोर्चों से हमला करने में सक्षम है। फिलीपींस वर्तमान में एकमात्र ऐसा देश है, जिसने कंफर्म कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसने जनवरी 2022 में तीन कोस्टल डिफेंस बैटरियों के लिए 375 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं

अपडेटेड May 13, 2025 पर 8:26 PM
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी भारत की BrahMos मिसाइल की लोकप्रियता, खरीदने के लिए कतार में हैं ये 17 देश

ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ने ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाई थी, जिसने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया था। इसके सफल प्रयोग ने भारत की सटीक हमला करने की क्षमता को सभी सामने ला दिया और पाकिस्तान और इसमें शामिल आतंकवादी नेटवर्कों को कड़ा संकेत दिया। ब्रह्मोस मिसाइल एक वर्सेटाइल और दुर्जेय हथियार है, जिसे जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह कई मोर्चों से हमला करने में सक्षम है।

फिलीपींस वर्तमान में एकमात्र ऐसा देश है, जिसने कंफर्म कॉन्ट्रैक्ट किया है, जिसने जनवरी 2022 में तीन कोस्टल डिफेंस बैटरियों के लिए 375 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। पहली बैटरी अप्रैल 2024 में डिलीवर गई थी, जबकि दूसरी अप्रैल 2025 में भेजने की उम्मीद है।

हालांकि, अपनी रफ्तार और सटीकता के लिए प्रसिद्ध ब्रह्मोस मिसाइल ने एक दर्जन से ज्यादा देशों को अपनी ओर आकर्षित कि है, और कई देश वर्तमान में इस एडवांस सिस्टम को हासिल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।


इंडोनेशिया: इंडोनेशिया ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के एडवांस वर्जन की खरीद के लिए 200-350 मिलियन डॉलर की डील पर बातचीत कर रहा है।

वियतनाम: वियतनाम 700 मिलियन डॉलर की डील की योजना बना रहा है, जिसमें उसकी सेना और नौसेना दोनों के लिए मिसाइलों की सप्लाई शामिल है।

मलेशिया: मलेशिया अपने सुखोई Su-30MKM लड़ाकू विमानों और केदाह कैटेगरी के युद्धपोतों के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों पर विचार कर रहा है।

थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई: इन दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों ने भी रुचि दिखाई है और वे अलग-अलग स्टेज में बातचीत कर रहे हैं।

ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला: ये लैटिन अमेरिकी देश मिसाइल के नौसैनिक और कोस्टल डिफेंस वर्जन पर नजरें गड़ाए हुए हैं।

मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, ओमान: इन मध्य पूर्वी देशों ने भी दिलचस्पी दिखाई है, और इनमें से कुछ के साथ बातचीत भी एडवांस स्टेज में है।

दक्षिण अफ्रीका, बुल्गारिया: दक्षिण अफ्रीका और बुल्गारिया संभावित खरीद के लिए बातचीत की अलग-अलग स्टेड में हैं।

क्या है ब्रह्मोस मिसाइल?

ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम वर्तमान में भारत की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। इसका पहला परीक्षण 12 जून, 2001 को किया गया था, और तब से इसकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इसमें कई अपग्रेड किए गए हैं।

मानवरहित, सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस मैक 3 तक की स्पीड से चल सकती है और इसकी स्टैंडर्ड रेंज 290 Km है, जो इसके एडवांस वर्जन में 500 Km या 800 Km तक बढ़ जाती है।

यह 200 से 300 किलोग्राम तक का वारहेड ले जाने में सक्षम है और 15 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ सकती है। यह जमीन से 10 मीटर ऊपर तक के टारगेट पर हमला कर सकती है, जिससे यह सटीक हमलों के लिए बेहद कारगर है।

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