ISRO, श्रीहरिकोटा के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा स्पेस स्टेशन गुजरात में बनाने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर तैयारियां तेज़ हो चुकी हैं। सीएनबीसी-आवाज़ ने इसरो के डायरेक्टर से इस मुद्दे पर एक्सक्लूसिव बातचीत की है। इस बातचीत में उन्होंने बताया कि गुजरात मेंदेश का दूसरा सबसे बड़ा स्पेस स्टेशन ₹10,000 करोड़ के निवेश से बनेगा। केंद्र-राज्य की सहयोगी पहल के तहत गुजरात स्पेस स्टेशन पीपीपी मॉडल से विकसित होगा। यह हाई टेक स्पेस स्टेशन दिव और वेरावल के बीच बनेगा। यहीं से SALV-PSLV लॉन्च होंगे।
गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मुख्य रॉकेट लॉन्च पैड आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में है। यहीं से भारत ने अब तक कई ऐतिहासिक मिशन लॉन्च किए हैं। इस केंद्र से पीएसएलवी और जीएसएलवी जैसे रॉकेटों की मदद से देश और दुनिया के कई उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए हैं।
गुजरात स्पेस मिशन नीति से बड़ा आर्थिक और तकनीकी लाभ मिलेगा। गुजरात के एकवाटर से निकटता से अंतरिक्ष लॉन्चिंग में क्रांतिकारी बढ़त मिलेगी। इसरो का 70 फीसदी कार्यक्रम अब कम्युनिकेशन, नेविगेशन और रिमोट सेंसिंग पर केंद्रित है। 2026 तक चंद्रयान 5, मेन-ऑन-मेन गगनयान और वीनस ऑर्बिट मिशन पूरे होंगे। गुजरात स्पेस स्टेशन भारत के अंतरिक्ष अभियान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
बता दें कि गुजरात सरकार ने अप्रैल 2025 अंतरिक्ष तकनीक क्षेत्र के उद्योगों को विभिन्न प्रोत्साहनों और वित्तीय सहायता के माध्यम से समर्थन देने के लिए एक डेडीकेटेड पॉलिसी की घोषणा की थी। इस बारे में जारी एक आधिकारिक नेट में कहा गया था कि 'स्पेसटेक पॉलिसी 2025-2030' के शुभारंभ के साथ, गुजरात अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक खास नीति रखने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। इस नीति के प्रभावी प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए गुजरात सरकार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र या इन-स्पेस और केंद्र सरकार के अंतरिक्ष विभाग के साथ मिलकर काम करेगी।