अहमदाबाद में हाल ही में हुए भयावह विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक दुर्घटना में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब तक 274 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। चौंकाने वाली बात ये है कि इस हादसे में सिर्फ विमान के यात्री ही नहीं, बल्कि आसपास के 33 स्थानीय लोग और मेडिकल कॉलेज के छात्र भी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार अब तक 220 शवों के डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिए जा चुके हैं ताकि सही पहचान के बाद शवों को उनके परिजनों को सौंपा जा सके।
हादसे के बाद से इलाके में मातम पसरा हुआ है और पीड़ित परिवार गहरे सदमे में हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। हादसे की असली वजह का पता लगाने के लिए ब्लैक बॉक्स भी बरामद कर लिया गया है, जिसकी जांच के बाद ही दुर्घटना के कारणों से पर्दा उठ सकेगा।
मेस में खाना खा रहे एमबीबीएस छात्रों की मौत
हादसा इतना बड़ा था कि इसमें विमान यात्रियों के साथ-साथ बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले एमबीबीएस छात्र और आसपास के स्थानीय लोग भी इसकी चपेट में आ गए। एयर इंडिया ड्रीमलाइनर 787 जब कॉलेज कैंपस में गिरा तो हॉस्टल की मेस में हड़कंप मच गया। उस वक्त 60-70 छात्र मेस में खाना खा रहे थे। इसी वजह से मृतकों की संख्या बढ़ गई। जान गंवाने वाले छात्रों में जयप्रकाश चौधरी, आर्यन राजपूत, राकेश तिवारी और मानव भादू के नाम सामने आए हैं। इसके अलावा इलाके में चाय की रेहड़ी लगाने वाला 15 साल का आकाश पटनी भी हादसे में मारा गया।
रातभर चला मलबा हटाने का काम
इस भयावह हादसे के बाद तुरंत राहत कार्य शुरू किया गया। अहमदाबाद नगर निगम के 40 से ज्यादा इंजीनियर और 100 से ज्यादा मजदूर रातभर मलबा हटाने में जुटे रहे। काम को तेजी से अंजाम देने के लिए कई भारी ड्रिलिंग और क्रेन मशीनों को मौके पर मंगवाया गया। सबसे चुनौतीपूर्ण काम था मेस की छत को काटकर विमान के टेल हिस्से को हटाना।
हादसे की जांच में अहम भूमिका निभाएगा ब्लैक बॉक्स
राहत की बात ये रही कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स सुरक्षित मिल गया है। हालांकि, इसे डिकोड करने में अभी थोड़ा समय लगेगा। ब्लैक बॉक्स दो भागों में होता है। पहला हिस्सा कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) होता है, जिसमें पायलट और सह पायलट की बातचीत और कॉकपिट की हर आवाज रिकॉर्ड रहती है। दूसरा हिस्सा फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) होता है, जिसमें विमान की तकनीकी जानकारी और फ्लाइट डाटा होता है। हादसे के असली कारणों का पता लगाने के लिए ब्लैक बॉक्स का डाटा बेहद अहम भूमिका निभाएगा।
मृतकों के परिवारों में शोक
इस हादसे ने अहमदाबाद के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है। मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र और स्थानीय नागरिकों के परिजन अस्पतालों और पोस्टमॉर्टम सेंटर के बाहर अपनों की तलाश में भटकते नजर आए। प्रशासन की ओर से मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया गया है।