Air India के इस फॉर्म को लेकर मचा बवाल, विमान दुर्घटना के पीड़ित परिवारों से पूछे ऐसे सवाल, वकील ने बताया 'शर्मनाक'
Air India Plane Crash: पीटर नीनन, जो पहले MH17 और MH370 जैसे बड़े विमान हादसों में पीड़ितों की ओर से केस लड़ चुके हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे के तुरंत बाद जब परिवार अपने मृत परिजनों की पहचान करने पहुंचे, तब उन्हें भीड़भाड़ वाले, तेज गर्मी और अंधेरे कमरे में बैठाकर एक जटिल फॉर्म भरने को मजबूर किया गया
Air India के इस फॉर्म को लेकर मचा बवाल, विमान दुर्घटना के पीड़ित परिवारों से पूछे ऐसे सवाल, वकील ने बताया 'शर्मनाक'
एयर इंडिया फ्लाइट 171 हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिवारों की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ रहे ब्रिटेन के नामी एविएशन वकील पीटर नीनन ने एयर इंडिया पर "नैतिक रूप से शर्मनाक" और "अमानवीय बर्ताव" का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि एयरलाइन जानबूझकर पीड़ित परिवारों को भ्रमित कर रही है, ताकि उन्हें पूरा मुआवजा न देना पड़े और कंपनी कम से कम 100 मिलियन यूरो (करीब 1,070 करोड़ रुपए) बचा सके।
मुआवजे की प्रक्रिया में उत्पीड़न?
The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, पीटर नीनन, जो पहले MH17 और MH370 जैसे बड़े विमान हादसों में पीड़ितों की ओर से केस लड़ चुके हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि हादसे के तुरंत बाद जब परिवार अपने मृत परिजनों की पहचान करने पहुंचे, तब उन्हें भीड़भाड़ वाले, तेज गर्मी और अंधेरे कमरे में बैठाकर एक जटिल फॉर्म भरने को मजबूर किया गया, जिसमें आर्थिक डिटेल और आश्रितों की जानकारी मांगी गई।
नीनन के मुताबिक, इन परिवारों को किसी कानूनी सलाह, चेतावनी या दस्तावेज की कॉपी तक नहीं दी गई। उल्टा, एयर इंडिया के अधिकारी कुछ परिवारों के घर तक पहुंच गए और पूछा कि फॉर्म अभी तक क्यों नहीं भरा।
“फॉर्म न भरो तो मुआवजा नहीं मिलेगा”
नीनन का कहना है कि एयर इंडिया के अधिकारियों ने परिवारों को गलत जानकारी दी कि अगर वे फॉर्म नहीं भरते, तो उन्हें कोई भुगतान नहीं मिलेगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत एयरलाइनों को पीड़ित परिवारों को तत्काल एडवांस भुगतान देना अनिवार्य होता है। इसके लिए केवल पहचान प्रमाण और रसीद पर हस्ताक्षर की जरूरत होती है — और कुछ नहीं।
एक पीड़ित ने कहा, “हमें बेहद भीड़भाड़ वाले गर्म कॉरिडोर में बैठाकर ये फॉर्म भरवाया गया। न कुर्सियां सही थीं, न मेज। कोई प्राइवेसी नहीं थी। हमसे आश्रितों की जानकारी मांगी गई, लेकिन ये नहीं बताया गया कि इसका दायरा क्या है — आर्थिक, भावनात्मक या और कुछ?”
फॉर्म में पूछे गए ये सवाल
फॉर्म की शुरुआत में लिखा गया है, "निम्नलिखित जानकारी एयर इंडिया लिमिटेड को 12 जून 2025 को उड़ान संख्या AI171 में एक यात्री की मृत्यु के कारण होने वाले एडवांस पेमेंट और अंतिम मुआवजा तय करने में मदद करेगी। यह फॉर्म, दूसरे जरूरी दस्तावेजों के साथ पूरी तरह से भर कर, ईमेल के जरिए एयर इंडिया को compensation.ai171@airindia.com पर जमा कर सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस स्टेज में अभी 25 लाख रुपए** का अग्रिम मुआवजा दिया जाएगा, अंतिम मुआवजे (Final Compensation) में इस रकम को एडजस्ट कर दिया जाएगा।
हादसे में जान गंवाने वाले यात्री के परिवार वालों से एयर इंडिया ने कई ऐसे सवाल पूछे हैं, जिसकी लॉ फर्म और पीड़ित परिवार दोनों ही आलोचना कर रहे हैं।
सवाल 1- क्या आप यात्री पर आर्थिक रूप पर आश्रित?- हां या ना
सवाल 2- क्या यात्री नौकरी पेशे वाला था?
सवाल 3- क्या यात्री सेल्फ एंप्लॉयड था?
फॉर्म के आखिर में लिखा गया, "अंतरिम मुआवजा एक रसीद और क्षतिपूर्ति (जिसका फॉर्मेट इस फॉर्म की जांच के बाद दिया जाएगा) के आधार पर दिया जाएगा, जिसे अंतरिम मुआवजा लेने के लिए अधिकृत परिवार के सदस्य की ओर से एग्जिक्यूट किया जाएगा। फॉर्म हासिल होने के बाद एयर इंडिया के प्रतिनिधि किसी भी अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण के लिए आपसे संपर्क करेंगे।**कृपया ध्यान दें कि अंतरिम मुआवजे में 1 करोड़ रुपए का अनुग्रह भुगतान शामिल नहीं है, जिसकी घोषणा टाटा समूह ने की थी। अनुग्रह भुगतान एक स्वैच्छिक भुगतान होगा और इसका उद्देश्य किसी भी लायबिलिटी की मान्यता देना नहीं है। इस फॉर्म में दी गई जानकारी का इस्तेमाल अनुग्रह भुगतान के उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा, और फॉर्म के जरिए डिटेल लेने के तुरंत बाद टाटा ग्रुप की तरफ से परिवारों से संपर्क किया जाएगा।"
एयर इंडिया ने दी सफाई
एयर इंडिया (Air India) ने इन आरोपों को “अत्यंत गंभीरता से” लेने की बात कहते हुए दावा किया कि यह सब “बिना आधार के और गलत” है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने मुआवजा प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के लिए यह फॉर्म तैयार किया है, ताकि सही व्यक्ति तक भुगतान जल्दी पहुंचे। हमने पीड़ित परिवारों के लिए समर्पित सपोर्ट स्टाफ तैनात किए, जो रहने, यात्रा, अंतिम संस्कार जैसी जरूरतों में मदद कर रहे हैं।”
कंपनी का कहना है कि वह अब तक 47 परिवारों को एडवांस भुगतान दे चुकी है और 55 अन्य को जल्द ही भुगतान किया जाएगा। एयर इंडिया के मुताबिक, “हमने सिर्फ बुनियादी जानकारी मांगी है, ताकि भुगतान सही व्यक्ति को मिले। हम किसी भी परिवार के घर बिना बुलाए नहीं गए।”
फॉर्म के जरिए "कानूनी जाल"?
वकील पीटर नीनन का आरोप है कि यह फॉर्म ऐसे शब्दों में जानकारी मांगता है, जिनके कानूनी मायने गहरे और जटिल होते हैं। बिना वकील की मदद के इन्हें समझना नामुमकिन है।
उन्होंने कहा, “हमारे क्लाइंट्स ने हमें जो फॉर्म दिखाए हैं, उनमें इस्तेमाल हुए शब्द कानून की भाषा में हैं, और इन्हें ठीक से समझे बिना जवाब देना पीड़ितों के लिए भारी पड़ सकता है। एयर इंडिया इन्हीं जानकारियों का इस्तेमाल कर कम मुआवजा तय कर सकती है।"
नीनन ने चेतावनी दी, “या तो परिवार वकील की मदद लें और कोर्ट में जाएं, या बिना कानूनी सलाह के फॉर्म भरें और लाखों पाउंड के हक से हाथ धो लें।” उन्होंने कहा कि वह अपने क्लाइंट्स को सलाह दे रहे हैं कि वे यह फॉर्म बिल्कुल न भरें और पहले किसी विशेषज्ञ वकील से सलाह लें।
उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद और शर्मनाक है कि एयर इंडिया पीड़ित परिवारों से इस तरह की संवेदनहीनता दिखा रही है, जब वे पहले से ही गहरे सदमे में हैं।”
इस हादसे में अहमदाबाद से लंदन जा रहे Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के उड़ान भरते ही क्रैश हो जाने से सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई थी। जबिक जिस मेडिकल हॉस्टल से विमान टकराया था, उसमें भी 19 लोगों की जान चली गई थी।