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दार्जिलिंग में तबाही के बीच, भूटान में बांध उफान पर पश्चिम बंगाल में बाढ़ का खतरा

भूटान के नेशनल सेंटर फॉर हाइड्रोलॉजी एंड मेटिरियोलॉजी (NCHM) ने बताया कि ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन (DGPC) की एक बांध परियोजना में तकनीकी खराबी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, डैम के गेट नहीं खुल पाए, जिसके कारण नदी का पानी बांध के ऊपर से बहने लगा

अपडेटेड Oct 05, 2025 पर 5:55 PM
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दार्जिलिंग में तबाही के बीच, भूटान में बांध उफान पर पश्चिम बंगाल में बाढ़ का खतरा

दार्जिलिंग में जहां बड़े पैमाने पर तबाही हुई है और बारिश और भूस्खलन के कारण कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अब पश्चिम बंगाल के दुआर्स क्षेत्र में भी बाढ़ की आशंका है। भूटान के ताला हाइड्रोपावर बांध में तकनीकी खराबी के कारण पानी बहने के बाद उत्तर बंगाल के अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं।

भूटान के नेशनल सेंटर फॉर हाइड्रोलॉजी एंड मेटिरियोलॉजी (NCHM) ने बताया कि ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन (DGPC) की एक बांध परियोजना में तकनीकी खराबी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, डैम के गेट नहीं खुल पाए, जिसके कारण नदी का पानी बांध के ऊपर से बहने लगा।

भूटान ने इस घटना को गंभीर मानते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को औपचारिक रूप से सतर्क किया है, ताकि राज्य संभावित बाढ़ या दूसरे खतरों के लिए तैयार रह सके।


भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने कहा कि अलीपुरद्वार में उसकी टीम को "हाई अलर्ट" पर रखा गया है। छुट्टी पर गए सभी कर्मियों को वापस बुला लिया गया है, जबकि ग्राउंड रिस्पांस को मजबूत करने के लिए सिलीगुड़ी से अतिरिक्त 15 बचावकर्मियों को तैनात किया जा रहा है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश से उठे तूफान ने अब पूर्व की ओर रुख कर लिया है और यह डुआर्स इलाके के मदारीहाट की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, अगर भूटान की पहाड़ियों में भारी बारिश होती है, तो उत्तर बंगाल की नदियां अचानक उफान पर आ सकती हैं, जिससे फ्लैश फ्लड (अचानक आई बाढ़) का खतरा और बढ़ जाएगा।

इस बीच, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। मिरिक इलाके में भूस्खलन (landslide) के कई बड़े हादसे हुए हैं, जिनमें कई लोगों की मौत हो चुकी है, और दर्जनों गांव बाकी इलाकों से पूरी तरह कट गए हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है।

NDRF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मोहसिन शहेदी ने बताया, “हमारी टीमें लापता लोगों की तलाश और फंसे हुए ग्रामीणों की मदद में लगातार जुटी हैं।”

शहेदी ने बताया कि दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और अलीपुरद्वार से तीन टीमें पहले ही मौके पर पहुंच चुकी हैं, जबकि मालदा और कोलकाता से दो और टीमें रास्ते में हैं।

लगातार रातभर हुई तेज बारिश ने मिरिक और सुखिया पोखरी इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान किया है। कई सड़कें बह गईं, घर तबाह हो गए, और राहत दलों को भी वहां तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है।

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