West Bengal Rains: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (5 सितंबर) को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुई मौतों पर दुख जताया है। उन्होंने भरोसा दिया कि केंद्र सरकार प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में कई जगह मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है। भूस्खलन के कारण कई मकान बह गए। सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया है।
पीएम मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।" उन्होंने आगे लिखा, "भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
इससे पहले, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल सरकार से बचाव कार्य में तेजी लाने और प्रभावित लोगों तक जल्द राहत पहुंचाने का अनुरोध किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि उत्तर बंगाल में लगातार भारी बारिश के कारण, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कुर्सियांग के पहाड़ी इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण सिलीगुड़ी, तराई और डुआर्स के मैदानी इलाकों से संचार और परिवहन संपर्क लगभग पूरी तरह से बाधित हो गया है।
सिलीगुड़ी और मिरिक को जोड़ने वाला दुधिया में बालासन नदी पर बना लोहे का पुल ढह गया है। सुवेंदु अधिकारी ने बताया कि हजारों निवासी फंसे हुए हैं। जरूरी आपूर्ति एवं सेवाओं के बिना कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। हताहतों की खबरें भी आ रही हैं, जिनका डिटेल्स अभी पता नहीं चल पाया है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा, "मैं पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से आग्रह करता हूं कि वे तुरंत संसाधन जुटाएं और इन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क की शीघ्र बहाली के लिए पर्याप्त व्यवस्था करें। इसके अतिरिक्त, संकटग्रस्त लोगों की सहायता के लिए भोजन, पानी, दवाइयां और अस्थायी आश्रयों समेत राहत सामग्री के वितरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि इस संकट को और बढ़ने से रोका जा सके। उत्तर बंगाल में हमारे साथी नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सर्वोपरि होना चाहिए।"
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक मिरिक झील क्षेत्र में बचाव अभियान में मदद कर रहा है। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबकि दो अन्य का पता नहीं चल पाया है।
सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची) और मिरिक झील क्षेत्र जैसे कई स्थानों से लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक बाधित हो गया। जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को चिंताजनक बताया। साथ ही पीटीआई के मुताबिक, विभिन्न रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या करीब 17 बताई।