Delhi-NCR Air Pollution: दिल्ली-NCR में GRAP-3 का कोई असर नहीं दिख रहा है। सर्दियों के दौरान बढ़ते स्मॉग और पॉल्यूशन की वजह से लोगों का बुरा हाल है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देशों के बाद कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP में संशोधन की प्रक्रिया तेज कर दी है। सभी एजेंसियों और स्टेकहोल्डरों के साथ बैठकों का दौर शुरू हो चुका है, और संकेत मिल रहे हैं कि बदलाव इसी प्रदूषण सीजन में लागू कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि GRAP में पिछला अपडेट साल 2024 में हुआ था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के दौरान बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए CAQM के सुझाए गए शॉर्ट-टर्म उपायों के तहत बुधवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) में बड़े बदलावों की मंजूरी दी थी।
वहीं, इस बार GRAP में जो भी बदलाव किए जाएंगे वो कम AQI पर भी लागू होंगे। जानकारी के मुताबिक, ऑफिस में स्टाफ की संख्या घटाने, ऑफिस के कामकाजी समय में फेरबदल करने और पावर सप्लाई से जुड़े नियमों के लेबल बदलने जैसे उपाय शामिल हैं।
CAQM के अनुसार, इन बदलावों का बड़ा हिस्सा एडवाइजरी आधारित रहेगा। फिलहाल एजेंसियों से फीडबैक लिया जा रहा है और मंजूरी मिलते ही इन नए नियमों को लागू कर दिया जाएगा। ताकि पॉल्यूशन से शहर का हाल खराब न हो।
GRAP में हो सकते हैं ये बदलाव?
प्रस्तावित बदलावों का क्या होगा असर?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर GRAP लागू होने के बाद भी स्मॉग और पॉल्यूशन से राहत नहीं मिलता है तो ऐसे बदलाव किए जाते हैं। एनवायरो कैटालिस्ट के फाउंडर और लीड एनालिस्ट सुनील दहिया ने कहा, इस समय दिल्ली-NCR में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है और इसको देखते हुए GRAP के कई चरणों में बदलाव जरूरी है। CSE की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रायचौधरी ने कहा, बढ़ते पॉल्यूशन को देखते हुए GRAP के हर कदम को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए, तभी इसका असर होगा।
वही, क्लाइमेट ट्रेंड्स कुछ दिन पहले ही कह चुका है कि इस बार के प्रदूषण का कारण पराली का धुआं उतना नहीं है, क्योंकि पराली का धुआं शहर में ज्यादा नहीं आया है। दिल्ली में प्रदूषण रोकना है तो लोकल पल्यूशन सोर्स कम करना होगा।