Amit Shah: भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एक अनोखा कीर्तिमान अपने नाम कर लिया हैं। वे अब भारत के सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने इस पद पर 2,258 दिन (6 साल 65 दिन) पूरे कर लिए हैं, जिससे उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी के 2,256 दिनों (6 साल 64 दिन) के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है। अपने संगठनात्मक कौशल और मजबूत नेतृत्व के लिए अक्सर भारत के 'दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति' कहे जाने वाले शाह ने गुजरात के गृह मंत्री के तौर पर भी अपनी भूमिका निभाई हैं।
शुरुआती जीवन और राजनीतिक करियर की शुरुआत
अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में एक गुजराती परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गुजरात के अपने पैतृक गांव मनसा में पूरी की और बाद में अहमदाबाद चले गए। उनकी राजनीतिक यात्रा 16 साल की उम्र में शुरू हुई, जब वे 1980 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से एक 'स्वयंसेवक' के रूप में जुड़े। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में सक्रिय रूप से भाग लिया।
1989 में वे भाजपा के अहमदाबाद शहर के सचिव बने जिसने उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के लिए मुख्य प्रचारक और चुनाव रणनीतिकार के रूप में भी काम किया। 2014 में, 49 साल की उम्र में वे भाजपा के सबसे युवा अध्यक्ष बने और 2019 में 54 साल की उम्र में सबसे युवा केंद्रीय गृह मंत्रियों में से एक बने।
5 अगस्त 2019 को लिया गया था शाह के कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला
अमित शाह के कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाना माना जाता है। उन्होंने राज्यसभा में 'जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019' पेश किया, जिसने जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। यह विधेयक राज्यसभा में 125 मतों से और लोकसभा में 370 मतों से पारित हुआ, जिससे यह ऐतिहासिक बदलाव संभव हो पाया।
अमित शाह के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां
गृह मंत्री के रूप में अमित शाह ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए:
जम्मू-कश्मीर में शांति: उनके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 70 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।
CAA 2019: उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 पारित कराने में अहम भूमिका निभाई, जिससे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए उत्पीड़ित गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना आसान हो गया।
आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार: उन्होंने औपनिवेशिक काल के कानूनों को बदलकर तीन नए कानून पेश किए: भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023।
माओवाद पर नियंत्रण: उन्होंने छत्तीसगढ़ में 31 मार्च 2026 तक माओवाद को खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। 2025 में अब तक 90 नक्सलियों को मार गिराया गया है, 104 गिरफ्तार हुए हैं और 164 ने आत्मसमर्पण किया है।
ट्रिपल तलाक और UCC: शाह ने ट्रिपल तलाक को खत्म करने और समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की पहल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।