RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत का एक कमरा बताया जिस पर अजनबियों ने कब्जा कर लिया है और कहा कि इसे वापस लेना ही होगा। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, उन्होंने मध्य प्रदेश के सतना में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। भागवत ने कहा, "कई सिंधी भाई यहां बैठे हैं। मुझे बहुत खुशी है। वे पाकिस्तान नहीं गए; वे अविभाजित भारत गए। परिस्थितियों ने हमें उस घर से यहां भेज दिया है, क्योंकि वह घर और यह घर अलग नहीं हैं।" इस पर वहां मौजूद लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं।
उन्होंने कहा, "पूरा भारत एक घर है, लेकिन किसी ने हमारे घर का एक कमरा हथिया लिया है, जहां मेरी मेज, कुर्सी और कपड़े रखे रहते थे। उन्होंने उस पर कब्जा कर लिया है। कल मुझे उसे वापस लेना होगा।" इस पर दर्शकों ने सहमति में तालियां बजाईं।
RSS प्रमुख की यह टिप्पणी PoK में बढ़ती अशांति के बीच आई है, जहां स्थानीय लोग पाकिस्तानी शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हजारों निवासी अवामी एक्शन कमेटी (AAC) की रैलियों में शामिल हुए और आर्थिक सहायता और राजनीतिक सुधारों की मांग की।
पिछले तीन दिनों में पाकिस्तानी सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में PoK में 10 लोग मारे गए हैं और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। अकेले धीरकोट (बाग जिला) में ही चार प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि पीओके के मुजफ्फराबाद, ददयाल (मीरपुर) और कोहाला के पास चम्याती में भी कई लोगों की मौत की खबरें हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से बातचीत की जगह पर दमन को प्राथमिकता देने से रणनीतिक रूप से संवेदनशील इलाकों में तनाव बढ़ गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि PoK निवासियों की तरफ से पाकिस्तानी शासन के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों ने उस झूठ को उजागर कर दिया है, जो इस्लामाबाद 1947 से फैला रहा है। उन्होंने उन लोगों का भी पर्दाफाश किया है जो दशकों से जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर भारत-विरोधी दुष्प्रचार को शरारतपूर्ण तरीके से बढ़ावा देते रहे हैं।
RSS प्रमुख ने गुरुवार को सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया से भारत के वैश्विक गठबंधनों का वास्तविक चरित्र उजागर हुआ है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख ने कहा कि हालिया घटनाओं पर दुनिया के देशों की प्रतिक्रियाएं इस बात की परीक्षा थीं कि कौन हमारे सच्चे मित्र हैं और कौन हमारे साथ खड़े रहने को तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत के राजनीतिक नेतृत्व और सेना ने जो जवाब दिया, वह एक मजबूत, साहसी और एकजुट राष्ट्र की तस्वीर पेश करता है।
RSS प्रमुख के अनुसार, यह प्रतिक्रिया भारत की नेतृत्व की दृढ़ता, सेना के शौर्य और समाज की एकजुटता व संकल्प का प्रतीक रही।
इसी बीच, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हाल के हफ्तों में प्रदर्शनों में तेज़ी देखी गई है, जो वहां के निवासियों और इस्लामाबाद के बीच बढ़ती दूरी को उजागर करती है।
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान का दमन और हिंसा पर निर्भर रवैया हालात को और अस्थिर बना रहा है, जबकि संवाद और सुधार की कोई कोशिश नहीं की जा रही।
कई विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो यह रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा सकता है।