CJI BR Gavai Attack: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई की ओर जूता फेंकने का प्रयास करने के मामले में आरोपी वकील राकेश किशोर को निष्कासित कर दिया है। SCBA ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को वकील राकेश किशोर की अस्थायी सदस्यता समाप्त कर दी। वकील ने 6 अक्टूबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी।
'लाइव लॉ' के मुताबिक, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्हें बार से निष्कासित करने का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। 71 वर्षीय किशोर ने कथित तौर पर अपने जूते उतार दिए और उन्हें CJI की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर फेंकने का प्रयास किया।
बाद में अदालत से बाहर ले जाते समय उन्हें "सनातन का अपमान नहीं सहेंगे" चिल्लाते हुए सुना गया। अदालती कार्यवाही के दौरान हुई इस अभूतपूर्व घटना से अविचलित रहे चीफ जस्टिस ने अदालत के अधिकारियों और अदालत कक्ष में मौजूद सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने और राकेश किशोर नामक दोषी वकील को चेतावनी देकर छोड़ देने को कहा।
जस्टिस के विनोद चंद्रन के साथ पीठ में बैठे CJI ने मामलों की सुनवाई जारी रखते हुए वकीलों से कहा, "इन सब से विचलित मत होइए। हम विचलित नहीं हैं। ये चीजें मुझे प्रभावित नहीं करती हैं।" दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मयूर विहार निवासी किशोर से सुप्रीम कोरट परिसर में तीन घंटे तक पूछताछ की। बाद में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज न होने पर दोपहर दो बजे उसे छोड़ दिया। पुलिस ने उसके जूते भी उसे लौटा दिए।
बेंगलुरु पुलिस ने CJI बी आर गवई की ओर कथित तौर पर जूता उछालने का प्रयास करने वाले वकील के खिलाफ बुधवार को 'जीरो FIR' दर्ज की। जीरो FIR कहीं भी दर्ज की जा सकती है चाहें कथित अपराध किसी अन्य जगह पर हुआ हो।
अधिकारियों ने बताया कि अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भक्तवचला की शिकायत के बाद राकेश किशोर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 133 (गंभीर उकसावे के अलावा किसी अन्य कारण से किसी व्यक्ति का अपमान करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत FIR दर्ज की गई।
अधिवक्ता संघ ने विधानसभा थाने के प्रभारी को सौंपी गई शिकायत में कहा, "राकेश किशोर का कृत्य समाज के किसी भी वर्ग द्वारा क्षमा योग्य और स्वीकार्य नहीं है। वास्तव में उनका कृत्य दंडनीय है... यह एक गंभीर घटना है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और अपराधी को कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए।"
71 वर्षीय किशोर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस गवई की ओर जूता उछालने का प्रयास किया। हालांकि सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वकील पिछले महीने खजुराहो में विष्णु की मूर्ति की पुनर्स्थापना के संबंध में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की टिप्पणी से नाखुश था।