रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कश्मीर को पूरी तरह एक करने के लिए भारत को किसी सैन्य कार्रवाई की जरूरत नहीं होगी, बल्कि एक दिन पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर (PoK) के लोग अपने आप ही खुद को भारत का हिस्सा घोषित करेंगे और अपनी इच्छा से देश में शामिल होंगे। 1947-48 से, जब पाकिस्तान ने आजादी के तुरंत बाद जम्मू और कश्मीर पर आक्रमण किया, तब से पाकिस्तान ने तत्कालीन राज्य के लगभग एक तिहाई हिस्से पर कब्जा किया हुआ है।
मोरक्को में एक कार्यक्रम में बोलते हुए राजनाथ ने कहा कि PoK के भीतर पहले से ही भारत में शामिल होने की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा, "PoK अपने आप हमारा होगा। PoK में मांग उठने लगी हैं, आपने नारेबाजी सुनी होगी। मैं पांच साल पहले कश्मीर घाटी में एक कार्यक्रम में भारतीय सेना को संबोधित कर रहा था, तब मैंने कहा था कि हमें PoK पर हमला करके कब्जा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वो तो वैसे भी हमारा है, PoK खुद कहेगा, 'मैं भी भारत हूं'। वो दिन आएगा।"
1947 में आजादी के कुछ हफ्तों बाद ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर की रियासत पर हमला कर दिया। उस समय तक जम्मू-कश्मीर ने भारत से जुड़ने का फैसला नहीं किया था। आक्रमण से बचने के लिए महाराजा हरि सिंह ने भारत में विलय की संधि पर हस्ताक्षर किए।
इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी हमलावरों को श्रीनगर पर कब्जा करने से रोका और उनकी पूरी योजना नाकाम कर दी। हालांकि, पाकिस्तान करीब एक-तिहाई जम्मू-कश्मीर पर कब्जा करने में कामयाब हो गया।
आज पाकिस्तान कश्मीर के हिस्से मुजफ्फराबाद जिला, जम्मू के मीरपुर और पुंछ का कुछ भाग, और गिलगित-बाल्टिस्तान के पूरे गिलगित जिले, लद्दाख के स्कर्दू और सीमावर्ती इलाकों जैसे हुंजा और नागर पर कब्जा किए हुए है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने शक्सगाम घाटी पर भी कब्जा किया था, जिसे बाद में उसने गैर-कानूनी तरीके से चीन को सौंप दिया।