एशिया कप 2025 में सुपर फोर का दूसरा मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया। इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से करारी शिकस्त दी। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस मुकाबले के दौरान मैदान पर काफी गहमागहमी देखने को मिली। वहीं सुपर-4 मुकाबले में जब पाकिस्तानी गेंदबाज हारिस रऊफ भारतीय बल्लेबाजों के विकेट निकालने में सफल नहीं पाए हो पाए तो उन्होंने मैदान पर फैंस की ओर उकसाने वाले इशारे किए। हारिस रऊफ ने भारतीय फैंस की तरफ '6-0' का इशारा किया, जिसे खेलभावना के खिलाफ माना जा रहा है। आइए जानते हैं रऊफ को इसके लिए क्या सजा मिल सकती है।
दरअसल, हारिस रऊफ का यह इशारा पाकिस्तान के उस बेबुनियाद दावे से जुड़ा था, जिसमें कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद चार दिन तक चले सीमा संघर्ष में उन्होंने छह भारतीय लड़ाकू विमान गिराए थे। यह असल में एक राजनीतिक संदेश था।
अब फैसला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के हाथ में है, जिसकी अध्यक्षता जय शाह कर रहे हैं। उन्हें तय करना होगा कि इस हरकत पर कोई सजा दी जाए या नहीं। आमतौर पर आईसीसी अपनी कोड ऑफ कंडक्ट के तहत खिलाड़ियों और अधिकारियों को राजनीतिक संदेश देने की इजाजत नहीं देती, खासकर जब बात कपड़ों या खेल उपकरणों पर लिखे निजी संदेशों की हो। लेकिन कई बार इन नियमों को अलग-अलग तरीके से लागू किया जाता है, इसलिए इसे लेकर अक्सर आलोचना होती रहती है।
इन खिलाडियों को किया गया था मना
आईसीसी के नियमों के मुताबिक खिलाड़ी अपने कपड़ों या इक्विपमेंट पर राजनीतिक, धार्मिक या रेसिस्ट मैसेज नहीं दिखा सकते। इसी नियम के तहत इंग्लैंड के मोईन अली को टेस्ट मैच में "गाजा बचाओ" और "फिलिस्तीन मुक्त करो" लिखे बैंड पहनने से रोका गया था। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के उस्मान ख्वाजा को भी जूतों पर शांति का चिन्ह लगाने की इजाजत नहीं मिली थी। साल 2019 में विश्व कप के दौरान भारतीय कप्तान एमएस धोनी को अपने विकेटकीपिंग ग्लव्स से बलिदान बैज का निशान हटाना पड़ा था। उस समय आईसीसी ने नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि खिलाड़ी किसी भी तरह का व्यक्तिगत संदेश प्रदर्शित नहीं कर सकते।
ध्यान देने वाली बात यह है कि आईसीसी के नियमों में राजनीतिक इशारों पर कोई सीधा प्रावधान नहीं है। लेकिन अगर किसी खिलाड़ी का व्यवहार खेल की छवि खराब करता है, तो उस पर कार्रवाई हो सकती है, हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। अगर हारिस रऊफ या किसी और खिलाड़ी पर ये आरोप लगा, तो इसे लेवल-1 का उल्लंघन माना जाएगा। इसमें खिलाड़ी को चेतावनी, एक डिमेरिट प्वॉइंट या मैच फीस का 50% तक जुर्माना लग सकता है।