Pahalgam Terror Attack: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (1 मई) को पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को चेतावनी दी कि उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्होंने लड़ाई जीत लिया है। पहलगाम के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में शाह ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मैं सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई का अंत नहीं है। यह सिर्फ एक मकाम है। उन्होंने कहा कि एक-एक आतंकियों को चुन-चुन कर इसका जवाब दिया जाएगा। 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मीडो में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए। वहीं, कई अन्य घायल हो गए।
नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "मैं आज जनता को बताना चाहता हूं कि 90 के दशक से कश्मीर में जो आतंकवाद चला रहे हैं उनके खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। आज वे यह न समझे कि हमारे नागरिकों की जान लेकर वो ये लड़ाई जीते हैं। मैं सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई अंत नहीं है, एक मकाम है, एक-एक व्यक्ति को चुन-चुन कर इसका जवाब दिया जाएगा।"
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चाहे उत्तर पूर्व हो, चाहे वामपंथी उग्रवाद का क्षेत्र हो या चाहे कश्मीर पर पड़ी आतंकवाद की छाया हो हर चीज का हमने मजबूती के साथ जवाब दिया है। अगर कोई कायराना हमला करके समझता है कि उनकी बड़ी जीत है तो समझ लें यह नरेंद्र मोदी सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इस देश की इंच-इंच जमीन से आतंकवाद को मूल समेत उखाड़ने का हमारा संकल्प है और वह सिद्ध होकर रहेगा। जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होगा हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन लोगों ने यह कृत्य किया है उसका उचित दंड उन्हें मिलेगा।"
पिछले हफ्ते बिहार के मधुबनी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐसी ही चेतावनी दी थी। पीएम मोदी ने कहा था कि हम अपराधियों को खोजने के लिए दुनिया के कोने-कोने तक जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा था, "पहलगाम के आतंकियों और साजिशकर्ताओं को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।"
पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। एक साहसिक कदम उठाते हुए भारत सरकार ने ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। साथ ही अटारी सीमा पर आवाजाही रोक दी है। इसके अलावा सभी पाकिस्तानी वीजा रद्द कर दिए गए हैं। ये कदम पाकिस्तान के खिलाफ एक मजबूत कूटनीतिक रुख को उजागर करते हैं।