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जब भारतीय सैनिकों ने खुकरी से काटे थे पाकिस्तानी सैनिकों के सिर, बांग्लादेश में खेला था ‘मौत का तांडव’, खौफ में भाग रहे थे पाकिस्तानी

भारतीय सेना के पराक्रम के अनगिनत किस्से हैं लेकिन आज एक ऐसी घटना की चर्चा करेंगे जब भारतीय सैनिकों ने केवल खुकरी (गोरखा सैनिकों का हथियार) के दम पर पूरी पाकिस्तानी पोस्ट साफ कर दी थी। पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में बर्बरता की हदें पार कर रही पाक सेना के साथ भारतीय सैनिकों ने ‘मौत का तांडव’ खेला था। यह उपमा ज्यादा लग सकती है लेकिन यह सच्चाई है

Arun Tiwariअपडेटेड May 12, 2025 पर 10:47 PM
जब भारतीय सैनिकों ने खुकरी से काटे थे पाकिस्तानी सैनिकों के सिर, बांग्लादेश में खेला था ‘मौत का तांडव’, खौफ में भाग रहे थे पाकिस्तानी
पाक सेना के साथ भारतीय सैनिकों ने ‘मौत का तांडव’ खेला था।

22 अप्रैल 2025 को कश्मीर में हुए नृशंस पहलगाम नरसंहार के बाद भारतीय सेना के पलटवार की चर्चा पूरी दुनिया में है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जिस तरीके भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकियों के ठिकानों ध्वस्त किया, वह पूरी दुनिया के लिए नज़ीर है। भारत के इस ऑपरेशन से पाकिस्तान अवाक रह गया और उसने आम नागरिकों को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए। फिर भारत ने जिस तरीके पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, उसकी आधिकारिक तस्वीरें और वीडियो भी आ चुके हैं। लेकिन आम नागरिकों पर हमले नहीं किए। यह भारतीय सेना की खासियत है।

सीज़फायर की घोषणा के बाद पाकिस्तान खुशियां मना रहा है। अपनी झूठी जीत दुनिया दिखा रहा है। खैर, पाकिस्तान को उसके सपनों रहने के लिए छोड़ देते हैं लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बीच यह बताना जरूरी है कि भारतीय सेना के पराक्रम और गोपनीय मिशनों ने पाकिस्तानी सेनाओं की धज्जियां कई बार उड़ाई हैं।

भारतीय सेना के पराक्रम के अनगिनत किस्से हैं लेकिन आज एक ऐसी घटना की चर्चा करेंगे जब भारतीय सैनिकों ने केवल खुकरी (गोरखा सैनिकों का हथियार) के दम पर पूरी पाकिस्तानी पोस्ट साफ कर दी थी। पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में बर्बरता की हदें पार कर रही पाक सेना के साथ भारतीय सैनिकों ने ‘मौत का तांडव’ खेला था। यह उपमा ज्यादा लग सकती है लेकिन यह सच्चाई है। दरअसल भारतीय सैनिकों का यह हमला शुरुआत था उस युद्ध की जिसमें 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने हथियारों के साथ सरेंडर किया था।

इस हमले के पीछे का बैकग्राउंड बताते चलें। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के मद्देनजर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने मई-जून महीने में युद्ध छेड़ने का मन बनाया। लेकिन तब देश के आर्मी जनरल सैम मानेक शॉ ने इंदिरा गांधी से वक्त मांगा था। उनका कहना था कि अभी कुछ समय बाद बारिश होने लगेगी। हमें सर्दी तक रुकना चाहिए।

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