PM Modi Tamil Nadu Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत जैविक खेती का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह देश की स्वदेशी और पारंपरिक पद्धति है। तमिलनाडु के कोयंबटूर में दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 और एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने बिहार चुनाव का भी जिक्र किया। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की शानदार जीत के बाद PM मोदी ने अपने आगमन पर लोगों द्वारा गमछा लहराने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा था कि बिहार की हवा उनसे पहले ही तमिलनाडु में आ गई है।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाला NDA अगले साल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के नेतृत्व वाले गठबंधन से मुकाबला करेगा। विपक्षी गठबंधन एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा. "जब मैं यहां मंच पर आया, तो मैंने देखा कि कई किसान हवा में अपना 'गमछा' लहरा रहे थे। मुझे ऐसा लगा जैसे बिहार की हवा मुझसे पहले ही यहां पहुंच गई हो...।"
PM मोदी ने दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 और एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि युवा तेजी से कृषि को एक आधुनिक और व्यापक अवसर के रूप में पहचान रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने 9 करोड़ किसानों को सहायता देने के लिए पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त जारी की। इस किस्त की कुल राशि 18,000 करोड़ रुपये से अधिक है। पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक छोटे किसानों के बैंक खातों में सीधे चार लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। इससे वे विभिन्न कृषि जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो गए हैं।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत यह कहते हुए की कि प्राकृतिक खेती उनके दिल के बहुत करीब है। पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती का विस्तार 21वीं सदी की कृषि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, बढ़ती मांग के कारण खेतों और कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में रसायनों के इस्तेमाल में तेजी से वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है। मिट्टी की नमी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि साल दर साल खेती की लागत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मदद करती है।
प्राकृतिक खेती के 'एक एकड़, एक मौसम' की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि जैविक खेती जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने, मिट्टी की उर्वरता को पुनर्जीवित करने और फसलों के पोषण मूल्य को बढ़ाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि देश को प्राकृतिक खेती के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा। यह एक दृष्टिकोण और आवश्यकता दोनों है। तभी जैव विविधता को भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है। एक साल पहले उसने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन शुरू किया था। इससे अब तक लाखों किसान जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल का सकारात्मक प्रभाव विशेष रूप से दक्षिण भारत में दिखाई दे रहा है। पीएम ने कहा कि अकेले तमिलनाडु में लगभग 35,000 हेक्टेयर भूमि पर जैविक और प्राकृतिक खेती की जा रही है। कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।