TVK chief Vijay: अभिनेता से नेता बने और TVK प्रमुख विजय के लिए मुश्किलों का दौर थम नहीं रहा है। करूर में उनकी राजनीतिक रैली में हुई भगदड़ में लगभग 40 लोगों की मौत के एक दिन बाद, चेन्नई के नीलंकरई स्थित उनके आवास पर बम की धमकी मिली है। इस धमकी के तुरंत बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
भगदड़ के सदमे के बीच बम की धमकी
शनिवार देर रात करूर की दर्दनाक त्रासदी के बाद विजय जैसे ही अपने आवास पहुंचे, चेन्नई शहर की पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों को उनके घर के चारों ओर तैनात कर दिया गया। सुरक्षा बढ़ाए जाने के कुछ ही देर बाद उनके आवास को बम की धमकी मिली। विजय के घर के बाहर के दृश्यों में बम स्क्वॉड को खोजी कुत्तों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर सघन तलाशी अभियान चलाते हुए देखा गया, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया।
विजय ने किया 20-20 लाख रुपए की मदद का ऐलान
करूर त्रासदी पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए, TVK प्रमुख विजय ने कहा कि वह रैली में जान गंवाने वाले लोगों की क्षति से 'टूट गए हैं' और 'असहनीय पीड़ा' में हैं। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। बाद में एक और बयान जारी करते हुए, विजय ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और घोषणा की कि वह मारे गए लोगों के परिवारों को ₹20 लाख और घायलों को ₹2 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, 'कोई भी सांत्वना के शब्द इस अपूरणीय क्षति को कम नहीं कर सकते,' और दुख की इस घड़ी में वह शोकाकुल परिवारों के साथ खड़े हैं।
आयोजन में बड़ी चूक से हुई करूर में भयंकर त्रासदी
शनिवार को करूर में विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 40 लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 लोग घायल हो गए। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (DGP) जी. वेंकटरमन ने बताया कि आयोजकों ने 10,000 लोगों की भीड़ का अनुमान लगाया था, लेकिन 1.2 लाख वर्ग फुट के कार्यक्रम स्थल पर लगभग 27,000 लोग जमा हो गए।
डीजीपी ने बताया कि रैली के लिए दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक की अनुमति दी गई थी। हालांकि, TVK के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ने विजय के आगमन की घोषणा दोपहर 12 बजे ही कर दी थी, जिससे भीड़ समय से पहले जुटने लगी। उन्होंने कहा, 'लोग सुबह 11 बजे से ही गर्मी में बिना भोजन या पानी के इंतजार कर रहे थे, और विजय अंततः शाम 7:40 बजे ही पहुंच पाए।' डीजीपी ने कहा कि भगदड़ के सटीक कारण का पता लगाना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन भीड़ के प्रबंधन और आगमन के समय में हुई यह बड़ी संगठनात्मक चूक उजागर हुई है।