Sabarimala: केरल में 'ब्रेन फीवर' का खतरा, सबरीमाला के यात्रियों लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी, जानिए

Brain Fever Cases In Kerala: हालांकि एडवाइजरी में नदी स्नान के लिए सावधानी बरतने का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन केरल में बार-बार ब्रेन फीवर के मामले सामने आने के बाद यह निर्देश महत्वपूर्ण हो गया है

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 3:48 PM
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राज्य में हाल ही में 'ब्रेन फीवर' के मामले सामने आने के बाद श्रद्धालुओं को नदी स्नान के दौरान नाक में पानी जाने से रोकने को लेकर पर विशेष जोर दिया गया है

Sabarimala Season: केरल में 17 नवंबर यानी आज से शुरू हो रही वार्षिक सबरीमाला तीर्थयात्रा को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। राज्य में हाल ही में 'ब्रेन फीवर' के मामले सामने आने के बाद श्रद्धालुओं को नदी स्नान के दौरान नाक में पानी जाने से रोकने को लेकर पर विशेष जोर दिया गया है। विभाग ने तीर्थयात्रियों से यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या से बचने के लिए कई एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।

ब्रेन फीवर का है खतरा

हालांकि एडवाइजरी में नदी स्नान के लिए सावधानी बरतने का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन केरल में बार-बार ब्रेन फीवर के मामले सामने आने के बाद यह निर्देश महत्वपूर्ण हो गया है। तीर्थयात्रियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नदी में स्नान करते समय पानी नाक में न जाए। ऐसे तीर्थयात्री जो पहले से किसी मेडिकल ट्रीटमेंट पर हैं, उन्हें अपने रिकॉर्ड और दवाएं साथ रखनी चाहिए, और यात्रा के दौरान अपनी रेगुलर दवाएं बंद नहीं करनी चाहिए। तीर्थयात्रा से पहले के दिनों में हल्के व्यायाम की सलाह दी गई है।


तीर्थयात्रियों को पहाड़ी पर धीरे-धीरे चढ़ने, ब्रेक लेने और यदि उन्हें थकान, सीने में दर्द, सांस फूलने या कमजोरी का अनुभव हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी गई है। आपात स्थिति के लिए संपर्क नंबर 04735 203232 भी जारी किया गया है।

स्वच्छता, भोजन और आपातकालीन सुविधाएं

एडवाइजरी में भक्तों को केवल उबला हुआ पानी पीने, खाने से पहले हाथ धोने, धुले हुए फल खाने और बासी या खुले में रखे भोजन से बचने का निर्देश दिया गया है। खुले में शौच करना प्रतिबंधित है, और शौचालय का उपयोग करने के बाद उचित तरीके से हाथ धोना आवश्यक है। कूड़े को केवल निर्धारित डिब्बों में ही फेंकना चाहिए। यदि सांप काट ले, तो तुरंत चिकित्सा देखभाल लेने को कहा गया है, क्योंकि अस्पतालों में एंटी-वेनम उपलब्ध है।

व्यापक चिकित्सा व्यवस्थाएं

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि तीर्थयात्रा मार्गों पर मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर और प्रशिक्षित स्वयंसेवी स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किए गए हैं। पम्पा में एक 24 घंटे नियंत्रण केंद्र कार्य करेगा। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मलयालम, अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सहित कई भाषाओं में जागरूकता सामग्री तैयार की गई है। पम्पा से सन्निधानम तक मार्ग पर आपातकालीन चिकित्सा केंद्र स्थापित किए गए हैं। कोन्नी मेडिकल कॉलेज को बेस अस्पताल के रूप में कार्य करेगा।

सभी अस्पताल डिफिब्रिलेटर, वेंटिलेटर और कार्डियक मॉनिटर से लैस होंगे। नीलाक्कल और पम्पा में पूरी तरह से सुसज्जित लैब्स और पम्पा तथा सन्निधानम दोनों जगह ऑपरेशन थिएटर भी काम करेंगे। खाद्य सुरक्षा विभाग ने निरीक्षण के लिए विशेष स्क्वॉड बनाए हैं, और खाद्य प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य कार्ड अनिवार्य कर दिए गए हैं।

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