CEA Nageswaran: भारत-अमेरिका के बीच अधिकांश मुद्दों पर बनी सहमति, CEA नागेश्वरन बोले- 'मार्च तक डील न हुई तो होगी हैरानी'

India-US Trade Deal: अनंत नागेश्वरन ने कहा कि 'नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच अधिकांश व्यापारिक मुद्दे 'सुलझा लिए गए हैं', और जल्द ही समझौते की घोषणा हो सकती है। एक इंटरव्यू में CEA उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता हो जाएगा

अपडेटेड Dec 11, 2025 पर 12:14 PM
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CEA नागेश्वरन का यह बयान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के पॉजिटिव रुख के बाद आया है

Chief Economic Adviser Nageswaran: भारत-अमेरिका के बीच चलर रहे व्यापार समझौते पर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि 'नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच अधिकांश व्यापारिक मुद्दे 'सुलझा लिए गए हैं', और जल्द ही समझौते की घोषणा हो सकती है। ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में CEA नागेश्वरन ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि मार्च 2026 तक दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता हो जाएगा।

नागेश्वरन ने कहा कि वित्त वर्ष 2027 (FY27) के लिए भारत के आर्थिक दृष्टिकोण में सकारात्मक गति है, और भारतीय रुपया अपने आर्थिक मूल सिद्धांतों के मुकाबले 'कम मूल्यांकन' पर है।

अमेरिका ने की भारत के 'बेस्ट ऑफर' की सराहना


नागेश्वरन का यह बयान अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के उस पॉजिटिव रुख के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने अब तक अमेरिका को किसी भी देश से मिले 'बेस्ट ऑफर' दिए हैं। वाशिंगटन में सीनेट विनियोग उपसमिति की सुनवाई के दौरान ग्रीर ने आगे बताया कि अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए बाजार पहुंच सुनिश्चित करने हेतु एक अमेरिकी टीम वर्तमान में भारत में है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर के नेतृत्व में यह उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में नई दिल्ली में है और संयुक्त सचिव दर्पण जैन भारतीय वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं।

अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि कुछ फसलों पर भारत में प्रतिरोध था, लेकिन नवीनतम प्रस्तावों ने खुलापन दिखाया है। ग्रीर ने यह भी सुझाव दिया कि चीन से अस्थिर मांग के बीच, भारत अब अमेरिकी जिंसों (Commodities) के लिए एक व्यवहार्य वैकल्पिक बाजार बन रहा है।

टैरिफ और रणनीतिक साझेदारी को लेकर वार्ता तेज

नई दिल्ली में द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चल रही वार्ताओं की पृष्ठभूमि में यह दौरा महत्वपूर्ण है। यह अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की दूसरी ऐसी यात्रा है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत एक्स्ट्रा शुल्क (पहले से मौजूद 25% शुल्क के अतिरिक्त) लगाए जाने के बाद हुई है। दिलचस्प बात यह है कि ये उच्च-स्तरीय अमेरिकी दौरे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पिछले सप्ताह की भारत यात्रा के तुरंत बाद हुए हैं।

भारत और अमेरिका दो समानांतर वार्ताओं पर काम कर रहे हैं: एक टैरिफ को लेकर फ्रेमवर्क ट्रेड डील पर और दूसरी व्यापक व्यापार समझौते पर। इसके अतिरिक्त, अमेरिकी विदेश विभाग की राजनीतिक मामलों की अवर सचिव एलिसन हूकर भी दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए 11 दिसंबर तक भारत के पांच दिवसीय दौरे पर थीं।

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