Waqf Amendment Bill 2025: कांग्रेस ने शुक्रवार (4 अप्रैल) को कहा कि वह संसद में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की संवैधानिकता को बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। राज्यसभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधानों वाले 'वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025' को गुरुवार (3 अप्रैल) देर रात मंजूरी दे दी। इसी के साथ संसद में यह विधेयक पारित हो गया है। इससे पहले लोकसभा ने बुधवार देर रात करीब दो बजे इस विधेयक को पारित कर दिया था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "कांग्रेस वक्फ (संशोधन) विधेयक की संवैधानिकता को शीर्ष अदालत में बहुत जल्द चुनौती देगी।" उन्होंने कहा, "हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और परंपराओं पर मोदी सरकार के सभी हमलों का विरोध करते रहेंगे।" रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) 2019 को चुनौती दी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
उन्होंने कहा कि RTI (सूचना का अधिकार) अधिनियम, 2005 में 2019 के संशोधनों को भी कांग्रेस ने चुनौती दी जिस पर शीर्ष अदालत में सुनवाई जारी है। कांग्रेस नेता ने कहा, "निर्वाचन का संचालन नियम (2024) में संशोधनों की वैधता को कांग्रेस ने चुनौती दी और उसकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।" कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "उपासना स्थल अधिनियम, 1991 की मूल भावना को बनाए रखने संबंधी कांग्रेस की याचिका पर शीर्ष अदालत में सुनवाई की जा रही है।"
'अल्पसंख्यकों को परेशान करने के लिए विधेयक लाया गया'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, "वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में देश में ऐसा माहौल बना है कि अल्पसंख्यकों को परेशान करने के लिए यह विधेयक लाया गया है। लोकसभा में देर रात यह विधेयक पारित हुआ तो इसके पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े। ऐसा क्यों हुआ? इसका मतलब है कि विधेयक में बहुत खामियां हैं।" उन्होंने कहा, "इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभिन्न दलों के विरोध के बाद भी मनमानी से यह विधेयक लाया गया। यह 'जिसकी लाठी, उसकी भैंस'- किसी के लिए ठीक नहीं होगा।"
पीएम मोदी ने बताया ऐतिहासिक
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के सामूहिक प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए मददगार होगा जो लंबे समय से हाशिये पर हैं, जिन्हें आवाज उठाने और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है।
पीएम मोदी ने X पर पोस्ट में कहा कि दशकों से वक्फ प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय बन गई है, जिससे विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों और पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, "वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का संसद के दोनों सदनों में पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के सामूहिक प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण है।"
उन्होंने कहा कि संसद से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे। PM ने कहा, "हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।"
प्रधानमंत्री ने संसद के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया जिन्होंने संसदीय और समिति की चर्चाओं में भाग लिया, अपने दृष्टिकोण व्यक्त किए और इन कानूनों को मजबूत बनाने में योगदान दिया। उन्होंने संसदीय समिति को बहुमूल्य सुझाव भेजने वाले अनगिनत लोगों का भी विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "एक बार फिर, व्यापक बहस और संवाद का महत्व साबित हुआ है।"