कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। पंजाब कंग्रेस ने नवजोत कौर सिद्धू पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि नवजोत कौर सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा समेक कई नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया था।
बता दें कि, नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने कुछ दिन पहले उन्होंने बयान दिया था कि, “जो 500 करोड़ रुपये का सूटकेस देता है, वही मुख्यमंत्री बनता है”, जिसके बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। बयान के बाद सोशल मीडिया पर दी गई उनकी सफाई भी पार्टी नेतृत्व को संतुष्ट नहीं कर पाई। पार्टी ने इस टिप्पणी को शर्मनाक और नुकसान पहुंचाने वाला बताया। 6 दिसंबर को पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात के बाद नवजोत कौर ने यह बयान दिया था, जो तुरंत ही बड़े विवाद में बदल गया और इससे BJP और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को कांग्रेस पर हमला करने का नया मौका मिल गया।
अपने पति की राजनीतिक योजनाओं पर पूछे गए सवाल के जवाब में नवजोत कौर सिद्धू ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू तभी सक्रिय राजनीति में लौटेंगे, जब कांग्रेस उन्हें 2027 के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पास “यह पद खरीदने के लिए 500 करोड़ नहीं हैं।” उनके इस बयान को कांग्रेस के भीतर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और पैसे की राजनीति का आरोप माना गया, जिसकी वजह से पार्टी को भारी नुकसान नियंत्रण (डैमेज कंट्रोल) करना पड़ा। AAP नेताओं ने भी इस टिप्पणी को तुरंत भुनाया और पूछा कि क्या यह कथित “₹500 करोड़ का सूटकेस” कांग्रेस हाईकमान के लिए था।
भारी विरोध के बाद नवजोत कौर सिद्धू ने X (ट्विटर) पर एक विस्तृत सफाई जारी की। उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, “कांग्रेस ने हमसे कभी कुछ नहीं मांगा। मेरा मतलब सिर्फ इतना था कि हम मुख्यमंत्री पद के लिए किसी दूसरी पार्टी को पैसे नहीं देंगे।” उन्होंने आलोचकों से अपील की कि वे उनके बयान का पूरा संदर्भ ध्यान से सुनें, तभी उनकी बात सही समझ आएगी। लेकिन उनकी इस सफाई से स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ। पंजाब में पहले से ही अंदरूनी कलह से जूझ रही कांग्रेस ने इस विवाद को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले लगा बड़ा झटका माना।