Credit Cards

Cough syrup Row: ...तो क्या कफ सिरप ने नहीं हुई बच्चों की मौत? राजस्थान सरकार का बड़ा दावा

Cough syrup Row: राजस्थान सरकार ने राज्य में चार बच्चों की मौत के संबंध में एक बड़ा दावा किया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि ये मौतें कफ सिरप के कारण नहीं हुईं। वहीं, दूसरी तरफ परिजनों का आरोप है कि मामूली सर्दी-जुकाम के इलाज में दी गई खांसी की सिरप ही मासूमों की मौत का कारण बनी

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 8:09 PM
Story continues below Advertisement
Cough syrup Row: राजस्थान में कफ सिरप से अब तक चार मौतें हो चुकी हैं

Cough syrup Tragedy Row: राजस्थान में खांसी की दवा से बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। परिजनों का आरोप है कि जानलेवा कफ सिरप से राजस्थान में अब तक चार बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीच, राजस्थान सरकार ने राज्य में चार बच्चों की मौत के संबंध में एक बड़ा दावा किया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि ये मौतें कफ सिरप के कारण नहीं हुईं। वहीं, दूसरी तरफ परिजनों का आरोप है कि मामूली सर्दी-जुकाम के इलाज में दी गई खांसी की सिरप ही मासूमों की मौत का कारण बनी।

इंडिया टुडे के मुताबिक अधिकारियों ने कहा, "चारों मौतें कफ सिरप के कारण नहीं हुई हैं। बल्कि बच्चों को कुछ अन्य बीमारियां भी थीं।" यह दावा उन अभिभावकों के दावों के विपरीत है, जिन्होंने कहा था कि उनके बच्चे सरकारी योजना के तहत सिरप के सेवन के बाद बीमार पड़े। जबकि कुछ देर बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने पहले कफ सिरप बनाने वाली कंपनी को क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन अब केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने कंपनी के परिसर में जांच शुरू कर दी है ताकि पता लगाया जा सके कि असल में क्या हुआ था। इस घटनाक्रम ने दोष मढ़ने की संभावित कोशिश के बारे में सवाल खड़े कर दिए हैं।


सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करके इसकी जांच का अनुरोध किया गया है।

वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में इन घटनाओं की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध किया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर जज के नेतृत्व में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन का आग्रह भी किया गया है।

जनहित याचिका में अनुरोध किया गया है कि विभिन्न राज्यों में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मौत से संबंधित सभी लंबित FIR और जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांसफर कर दी जाएं।

इसमें निष्पक्षता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर जज की निगरानी में जांच का अनुरोध किया गया है। याचिका में दलील दी गई है कि अलग-अलग राज्य-स्तरीय जांचों के कारण जवाबदेही भी बंट गई है। इससे बार-बार चूक हो रही है।

यह याचिका मध्य प्रदेश और राजस्थान से कथित तौर पर एक खास तरह का कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत होने की खबरों के बीच आई है। चिका में अदालत से केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यायिक या विशेषज्ञ निकाय गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है ताकि उन नियामक कमियों की पहचान की जा सके जिनके कारण घटिया दवाइयां बाजार में पहुंचीं।

कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग

कांग्रेस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामलों को लेकर बीजेपी सरकारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में दवाइयों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया गया है।

टीकाराम जूली ने बताया कि राजस्थान में कफ सिरप से अब तक चार मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार कफ सिरप से बच्चों की मौत होने की बात मानने को तैयार नहीं है। राजस्थान में चिकित्सा मंत्री ने कफ सिरप में गड़बड़ी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है या जिनकी विश्वसनीयता पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं, उनसे सरकारें दवाइयों की आपूर्ति क्यों ले रही हैं?

ये भी पढ़ें- Coldrif Cough Syrup Ban: एमपी में 14 मासूमों की मौत के बाद राज्य सरकारों की खुली नींद! जानलेवा कफ सिरप बैन, NHRC ने भी जारी किया नोटिस

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने कार्रवाई करने के बजाय केवल कमेटी बना दी, जिसका उद्देश्य मामले को भटकाना और ठंडा करना है। टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अभी तक जमीनी स्तर पर कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया। साथ ही न ही ऑनलाइन रिकॉर्ड होने के बावजूद यह पता लगाने के लिए कोई सर्वे किया कि यह सिरप किस-किस को दी गई है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।