Toxic cough syrup tragedy: मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से कई बच्चों की मौत के बाद देश के कई राज्यों ने संदिग्ध कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर बैन लगा दी है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में संदिग्ध रूप से कफ सिरप पीने के बाद गुर्दों के खराब होने से 14 बच्चों की मौत के बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने के साथ एडवाइजरी जारी की है। लैब में जांच के दौरान इसमें जहरीले diethylene glycol नामक तत्व पाया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी का सिरप देने पर प्रतिबंधित कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि दो साल से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी की सिरप या सर्दी-जुकाम की दवाएं नहीं दी जानी चाहिए। यह कदम शिशुओं को संभावित दुष्प्रभावों से बचाने और उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया।
एमपी सरकार की बड़ी कार्रवाई
मध्य प्रदेश सरकार ने दो ड्रग इंस्पेक्टर और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के डिप्टी डायरेक्टर को निलंबित कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की मौत जहरीले कफ सिरप के सेवन से हुई थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद राज्य के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य का भी तबादला कर दिया। निलंबित ड्रग इंस्पेक्टरों की पहचान गौरव शर्मा और शरद कुमार जैन के रूप में हुई है। वे छिंदवाड़ा और जबलपुर में तैनात हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि निलंबित डिप्टी डायरेक्टर की पहचान शोभित कोस्टा के रूप में हुई है। यादव ने बाद में मृतक बच्चों के परिजनों से मिलने के लिए परासिया का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस ने रविवार को बताया था कि 14 बच्चों की मौत के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया।
छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी को कथित लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जबकि कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Coldrif cough syrup) बनाने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों का कहना है कि दवा के सैंपल में अत्यधिक जहरीला पदार्थ पाया गया है। उन्होंने बताया कि मरने वाले बच्चों में से 11 परासिया उप-मंडल के, दो छिंदवाड़ा शहर के और एक चौरई तहसील का था। अधिकारियों के अनुसार, आठ बच्चों का नागपुर में इलाज जारी है।
तीन राज्यों को NHRC का नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी कर उन्हें जहरीले कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत के आरोपों की जांच करने और नकली दवाओं की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। NHRC ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को नकली दवाओं की आपूर्ति की जांच का आदेश देने को कहा है। साथ ही राज्यों में सभी क्षेत्रीय लैब को नकली दवाओं के सैंपल एकत्र करने और टेस्ट रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने को भी कहा है।
आयोग ने एक नोटिस में कहा, "अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह संबंधित राज्यों के सभी चीफ ड्रग कंट्रोलर को नकली दवाओं पर तुरंत बैन लगाने की प्रक्रिया शुरू करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दें।" आयोग ने कहा कि उसे मध्य प्रदेश (छिंदवाड़ा और विदिशा जिले) और राजस्थान के कुछ जिलों में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत के मामलों में तत्काल हस्तक्षेप के अनुरोध वाली एक शिकायत मिली है।