Data Protection Act : लागू हुआ डाटा प्रोटेक्शन कानून, डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड का भी हुआ गठन

Data Protection Act : डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड को भी नोटिफाई किया गया है। डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड के अंदर 4 सदस्य होंगे। डाटा लीक की सूचना बोर्ड को देनी होगी। इस कानून में कंपनियों पर 250 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है

अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 6:19 PM
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Data leak : इन नियमों से डेटा लीक की जानकारी देने की टाइमलाइन भी तय की गई है। सभी डेटा फिड्यूशरीज को पर्सनल डेटा लीक होने के 72 घंटों के भीतर बोर्ड को इसकी जानकारी देनी होगी

Data Protection Act : लंबे इंतजार के बाद सरकार ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन कानून को नोटिफाई कर दिया है। इसमें डाटा लीक और कंपनियों की लापरवाही को लेकर कठोर प्रावधान हैं। कुछ प्रावधानों को लागू करने के लिए सरकार ने कंपनियों को 18 महीने तक का वक्त दिया है। 2023 में डाटा प्रोटेक्शन कानून पारित किया गया था। कुछ प्रावधानों को तुरंत प्रभाव से लागू किया गया है। कुछ प्रावधानों के लिए 12-18 महीने का वक्त दिया गया है।

इसके अलावा डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड को भी नोटिफाई किया गया है। डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड के अंदर 4 सदस्य होंगे। डाटा लीक की सूचना बोर्ड को देनी होगी। इस कानून में कंपनियों पर 250 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। कंपनियों के अब ग्राहक का डाटा लेने से पहले मंजूरी लेनी होगी।

'डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ़ इंडिया' का होगा गठन


इस क़ानून को लागू करने की ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार की संस्था 'डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ऑफ़ इंडिया' की होगी। इसे चार सदस्य होंगे। यह बोर्ड जुर्माना लगाने, शिकायतों पर सुनवाई करने जैसे कई मामलों में काम करेगा। इसके साथ ही, इस क़ानून में डेटा को 'प्रोसेस' करने की भी परिभाषा दी गई है। इसमें डेटा इकट्ठा करना, उसे स्टोर करना और प्रकाशित करना शामिल है।

डेटा फिड्यूशरीज की परिभाषा हुई तय

इस क़ानून से डेटा फिड्यूशरीज, कन्सेंट मैनेजर और यूजर के प्राइवेसी राइट्स को सुरक्षित करने के लिए नई गाइडलाइंस सेट हो सकेंगी। पर्सनल डेटा को कलेक्ट और प्रोसेस करने वाली कंपनियों और प्लेटफॉर्म को डेटा फिड्यूशरी कहा जाएगा। वहीं जिस यूजर का डेटा प्रोसेस हो रहा है,वह डेटा प्रिंसिपल होगा। इसके अलावा कंसेंट मैनेजर एक ऑथोराइज्ड और न्यूट्रल इंटरमीडियरी है,जो यूजर को परमिशन मैनेज करने देगा।

डेटा लीक की जानकारी देने की टाइमलाइन हुई तय

इन नियमों से डेटा लीक की जानकारी देने की टाइमलाइन भी तय की गई है। सभी डेटा फिड्यूशरीज को पर्सनल डेटा लीक होने के 72 घंटों के भीतर बोर्ड को इसकी जानकारी देनी होगी। जबकि, प्रभावित यूजर्स को इसकी जानकारी बिना किसी देरी के देनी अनिवार्य होगी। इसके अलावा कंपनियों को डाटा स्टोर रखने की अवधि ग्राहक बतानी होगी। डाटा देश से बाहर भेजने के लिए भी कंपनियों के ग्राहकों से मंजूरी लेनी होगी। वहीं, किसी बच्चे का डाटा लेने से पहले माता पिता की मंजूरी जरूरी होगी।

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