Brain Eating Amoeba: तेजी से फैल रहा 'दिमाग खाने वाला अमीबा', केरल में अब तक 18 लोगों की मौत

Brain Eating Amoeba : केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पूवर के 17 वर्षीय छात्र को अक्कुलम टूरिस्ट विलेज के पूल में तैरने के बाद पीएएम संक्रमण हो गया, और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। एहतियात के तौर पर पूल को बंद कर दिया गया है और जांच के लिए पानी के सैंपल लिए गए हैं

अपडेटेड Sep 16, 2025 पर 3:04 PM
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Brain Eating Amoeba : इस बीमारी से केरल में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है।

 Brain Eating Amoeba : केरल में दिमाग खाने वाला अमीबा का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। केरल स्वास्थ्य विभाग की ताज रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अब तक राज्य में ब्रेन ईटिंग अमीबा के 67 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 18 मरीजों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि ये आंकड़े रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत जुटाए गए हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने तुरंत जल सुरक्षा और रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

क्या हैं अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के लक्षण

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • उल्टी
  • गर्दन में अकड़न
  • मतली

केरल में सामने आए हैं ये मामले


केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पूवर के 17 वर्षीय छात्र को अक्कुलम टूरिस्ट विलेज के पूल में तैरने के बाद पीएएम संक्रमण हो गया, और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। एहतियात के तौर पर पूल को बंद कर दिया गया है और जांच के लिए पानी के सैंपल लिए गए हैं। कोझिकोड में शाजी नामक 49 वर्षीय व्यक्ति की सिर में चोट लगने के बाद संक्रमण फैल गया और उनकी मौत हो गई। वहीं, थामारस्सेरी की 9 वर्षीय बच्ची की हालत अचानक बिगड़ने पर उसने भी दम तोड़ दिया। मामलों में छोटे बच्चे, बुजुर्ग और अन्य आयु वर्ग के लोग शामिल हैं। कई मरीजों का फिलहाल इलाज जारी है।

क्या है ये 'ब्रेन-ईटिंग अमीबा'

बता दें कि अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस को आमतौर पर "ब्रेन-ईटिंग अमीबा" कहा जाता है। ब्रेन ईटिंग अमीबा...नेग्लेरिया फाउलेरी नामक अमीबा से होता है। यह जीव गर्म और गंदे या ठीक से साफ न किए गए पानी में पनपता है और नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता हैइसका इंफेक्शन जल्दी नहीं फैलता है, लेकिन इसकी मृत्यु दर बहुत अधिक है। शरीर में जाने के बाद यह अमीबा मस्तिष्क तक पहुंचकर गंभीर सूजन पैदा करता है

इससे बचने के लिए रखे ये सावधानी

  1. गंदे या रुके हुए पानी जैसे झील, तालाब या अन्य जलाशयों में तैरने और नहाने से बचें।
  2. हमेशा यह सुनिश्चित करें कि स्विमिंग पूल सही मात्रा में क्लोरीन से साफ किए गए हों और उनका रखरखाव नियमित हो।
  3. नाक की सफाई या धोने के लिए केवल स्वच्छ और उपचारित पानी का ही इस्तेमाल करें। धार्मिक अनुष्ठानों या अन्य स्नान में दूषित पानी का उपयोग न करें, खासकर जब पानी नाक के अंदर जा सकता हो।
  4. घर के पानी के टैंक और कुओं को साफ और कीटाणुरहित रखें तथा कुओं को ढककर सुरक्षित बनाएँ।
  5. लक्षण जैसे बुखार, सिरदर्द, उल्टी या गर्दन में अकड़न दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर पहचान और इलाज से जीवन बचाने की संभावना बढ़ जाती है।

MoneyControl News

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First Published: Sep 16, 2025 3:00 PM

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