Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या साल दर साल गंभीर होती जा रही है। देश की राजधानी में जैसे-जैसे एयर क्वालिटी गिरती जा रही है और धुंध की चादर से आसमान ढंकता जा रहा है... दिल्ली में एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ती जा रही है। यहां तक की शादियों में पर्याप्त संख्या में एयर प्यूरीफायर से लेकर रंगों से मेल खाते मास्क तक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वायु प्रदूषण से जूझ रहे परिवार अपने बजट में बदलाव कर रहे हैं ताकि वे और उनके लोग साफ हवा में सांस ले सकें। इतना ही नहीं वीकेंड आते ही राजधानी के निवासी स्वच्छ हवा की तलाश में दिल्ली छोड़ रहे हैं।
ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के अनुसार, दिल्ली से छोटी यात्राओं में साल-दर-साल 21 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसमें पहाड़ी राज्यों और तटीय क्षेत्रों में मांग में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है। थ्रिलोफिलिया (Thrillophilia) के सह-संस्थापक अभिषेक डागा ने 'मनीकंट्रोल' को बताया कि हिल एंड हेरिटेज डेस्टिनेशन के लिए कम समय वाली यात्रा बुकिंग में हफ्ते-दर-हफ्ते लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यात्री अब वीकेंड का इंतजार नहीं कर रहे हैं। वे जैसे ही छुट्टी मिल रही है तुरंत दिल्ली से बाहर निकल जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "औसत लीड टाइम एक हफ्ते पहले की तुलना में आधा होकर तीन दिन से भी कम रह गया है। 51% यात्राएं 72 घंटों के भीतर रवाना हो रही हैं।" वहीं, ट्रैवल प्लेटफॉर्म WanderOn के सीईओ गोविंद गौड़ ने पिछले कुछ हफ्ते में देखा है कि दिल्ली से आखिरी समय में यात्रा बुकिंग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसकी मुख्य वजह शहर में बढ़ता प्रदूषण है। उन्होंने कहा कि लोगों का दिल्ली से मोहभंग होता दिख रहा है।
Adotrip के संस्थापक और सीईओ डॉ. विकास कटोच ने बताया कि दिल्ली के कई हिस्सों में AQI (Air Quality Index) का लेवल 400 को पार कर जाने के बाद परिवारों को जहरीली हवा से बचने के लिए 'स्मॉग ब्रेक' लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आखिरी समय में छुट्टियों की बुकिंग में लगभग 30-35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है। लोग सुविधा की बजाय स्वास्थ्य को प्राथमिकता ज्यादा दे रहे हैं। इसके अलावा ट्रैवल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ixigo के आलोक बाजपेयी ने हाल ही में ट्वीट किया था, "हर साल यही कहानी है। मेरा गला खराब है। मेरा सिर चकरा रहा है। आम आदमी अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से पीड़ित है। जबकि हममें से जिनके हर कमरे में प्यूरीफायर है, वे सोशल मीडिया पर शोर मचा रहे हैं। विकसित भारत के रास्ते पर हम सब मिलकर यह कीमत नहीं चुका सकते।"
साइऐटिव सॉल्यूशंस की संस्थापक डॉ. अंशु जालोरा ने बताया कि खराब AQI के कारण पहले भी यात्री दिल्ली क्षेत्र से स्वच्छ हवा वाले स्थानों की ओर रुख करते रहे हैं। इस अक्टूबर में भी दिवाली के बाद यात्रा की मांग में वृद्धि के साथ यही रुझान देखने को मिल रहा है। इसके अलावा कॉक्स एंड किंग्स के डायरेक्टर करण अग्रवाल ने कहा कि प्रदूषण से प्रेरित यात्रा अब इस क्षेत्र में एक मौसमी चलन बन गई है।
दिल्लीवासी कहां जा रहे हैं?
थ्रिलोफिलिया पर राजस्थान जाने के लिए दिल्ली के लोग सबसे अधिक बुकिंग कर रहे हैं। जयपुर में 19 प्रतिशत, उदयपुर में 11% और जोधपुर में 6 प्रतिशत बुकिंग हुई हैं। यात्री हेरिटेज स्टे को चुन रहे हैं। लोग अपने परिवार और दोस्तों के ग्रुप के साथ घूमने जा रहे हैं। इस प्लेटफॉर्म पर उत्तराखंड के लिए भी 31 प्रतिशत बुकिंग हुई हैं। खासकर मसूरी, ऋषिकेश और जिम कॉर्बेट जैसे डेस्टिनेशन के लिए अधिक बुकिंग हो रही है।
इसके अलावा हिमाचल में शिमला, कसौली और धर्मशाला जैसे स्थानों ने वीकेंड में दिल्लीवासियों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। पिछले दो हफ्तों में दिल्ली से पहाड़ी डेस्टिनेशन की खोज में लगभग 35-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि मांग में यह वृद्धि इस बात की पुष्टि करती है कि लोग दिल्ली में प्रदूषण से बेहाल हैं।