Delhi AQI Today: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का AQI सोमवार सुबह भी 'बहुत खराब' श्रेणी में बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के समीर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 6:05 बजे दिल्ली का संयुक्त वायु गुणवत्ता सूचकांक 324 दर्ज किया गया। हवा की स्पीड स्लो होने के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में मौजूद है, जिससे हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। रविवार को भी दिल्ली का AQI 366 था। इसके साथ ही तीन निगरानी स्टेशनों ने 400 से ऊपर 'गंभीर' स्तर दर्ज किया था।
प्रमुख क्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति
सोमवार को दिल्ली के कुल 39 निगरानी स्टेशनों में से अधिकांश पर AQI 300 से ऊपर, यानी 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। कुछ प्रमुख प्रदूषित क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के आसपास के शहरों में भी हवा की स्थिति चिंताजनक रही। गाजियाबाद का AQI- 334, नोएडा का AQI- 311 और गुरुग्राम का AQI- 304 है। इन शहरों में भी हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में है।
प्रदूषण बढ़ने के पीछे क्या है वजह?
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (AQEWS) के अनुसार, AQI में इस उछाल का मुख्य कारण कम हवा की गति है। स्काईमेट वेदर के महेश पालावत ने बताया कि रविवार शाम और रात के दौरान हवा की गति 8 किमी प्रति घंटे से नीचे गिर गई, जिससे प्रदूषकों का फैलाव कम हो गया और वे जमा होने लगे। उन्होंने कहा कि दिन के समय हवा की दिशा पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी हो जाती है, जो पराली के धुएं को दिल्ली तक लाने के लिए अनुकूल है।
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, रविवार शाम को PM 2.5 का स्तर 189.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और PM 10 का स्तर 316 पर दर्ज किया गया, जो सामान्य से कहीं अधिक है।
इस सप्ताह हवा एक के और खतरनाक होने की आशंका
AQEWS ने भविष्यवाणी की है कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता 4 नवंबर तक 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की उम्मीद है, लेकिन इस सप्ताह यह 'गंभीर' स्तर को छू सकती है। दिल्ली में आखिरी बार 'गंभीर' श्रेणी का AQI 23 दिसंबर, 2024 को 406 दर्ज किया गया था। इस बढ़ते प्रदूषण से फेफड़ों या हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।