समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके लखनऊ स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात को दोनों नेताओं ने उत्तर प्रदेश में पार्टी की एकता और राजनीतिक संदेश को मजबूत करने के लिए अहम कदम बताया। आजम खान अपने बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के साथ इस बैठक में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य “लचीलापन, न्याय और बदलाव” का मजबूत संदेश देना था, ताकि पार्टी आने वाले समय में और मजबूती से आगे बढ़ सके।
एक महीने में दूसरी मुलाकात
करीब 30 से 45 मिनट तक चली यह मुलाकात, आजम खान और अखिलेश यादव के बीच पिछले एक महीने में दूसरी बड़ी बातचीत थी। इस बैठक ने दोनों नेताओं के बीच मतभेदों और दूरियों को लेकर चल रही अटकलों पर स्पष्ट रूप से विराम लगा दिया। पार्टी के संस्थापक सदस्य और मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली नेता आजम खान ने जमीन हड़पने और धमकाने जैसे कई मामलों में लगभग दो साल जेल में बिताए थे। उनकी रिहाई के बाद यह मुलाकात पार्टी में एकता और भरोसे का संकेत मानी जा रही है।
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए, आजम खान ने भावुक होकर अपनी पीड़ा और संघर्ष का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात का असली उद्देश्य यह दिखाना था कि भले ही उन्होंने उत्पीड़न और अन्याय झेला हो, लेकिन आज भी ऐसे लोग हैं जिनकी हिम्मत और सहनशक्ति पत्थर से भी मजबूत है। आजम खान ने आगे कहा कि इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने अपने उस कठिन दौर को याद किया, ताकि आने वाली पीढ़ियां यह जान सकें कि कभी ऐसा अन्याय हुआ था, और उस समय भी कुछ लोग सच्चाई और न्याय के साथ खड़े रहे।
अखिलेश यादव ने भी इस मुलाकात को एकता और अपनत्व का प्रतीक बताया। उन्होंने मुलाकात की तस्वीरों के साथ एक्स (X) पर भावुक संदेश लिखा, "ना जाने कितनी यादें संग ले आए, जब वो आज हमारे घर पर आए! ये जो मेल-मिलाप है, यही हमारी सांझी विरासत है।"
पारंपरिक वोटर पर अखिलेश यादव की नजर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव का यह संदेश पार्टी की वैचारिक जड़ों को मजबूत करने और अपने पारंपरिक मतदाता वर्ग को एकजुट रखने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। आजम खान का यह दौरा राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर क्योंकि यह बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान हुआ है, जहां उन्हें समाजवादी पार्टी का स्टार प्रचारक घोषित किया गया है। अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करके, खान ने पार्टी बदलने की सभी अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं अखिलेश यादव से मिलने और आपके माध्यम से यह संदेश देने आया हूं कि हम बदलाव के पक्ष में हैं।" राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह मुलाकात समाजवादी पार्टी की रणनीतिक सुलह का हिस्सा है, जो आने वाले चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत और एकजुट करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।