Delhi AQI: दिल्ली-NCR में 461 AQI के साथ सांस लेना हुआ दुश्वार, 50% सरकारी-प्राइवेट कर्मचारियों को तत्काल 'वर्क फ्रॉम होम' का आदेश

Delhi AQI Today: बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने लोगों को जहरीली हवा से कुछ राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान- 3 के तहत, सरकार ने सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के लिए तत्काल 'वर्क फ्रॉम होम' का आदेश जारी किया है

अपडेटेड Nov 25, 2025 पर 7:40 AM
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आज सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 461 रिकॉर्ड किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है

Delhi AQI Today: दिल्ली-एनसीआर और आस-पास के शहरों में मंगलवार को वायु गुणवत्ता 'बेहद गंभीर' और 'खतरनाक' स्तर पर पहुंच गई है। इस जहरीली हवा में लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है। आज सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 461 रिकॉर्ड किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। पड़ोसी शहरों में भी हालात बदतर हैं: नोएडा (441) और गाजियाबाद (448) भी 'खतरनाक' स्तर पर हैं, जबकि गुरुग्राम (352) 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। एनसीआर के बाहर भी प्रदूषण चिंताजनक है, जहां मेरठ में AQI 417 और लखनऊ में 326 रहा।

प्रदूषण से निपटने के लिए WFH का आदेश

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने लोगों को जहरीली हवा से कुछ राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)- 3 के तहत, दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के लिए तत्काल 'वर्क फ्रॉम होम' (WFH) का आदेश जारी किया है। इसका अर्थ है कि कार्यालयों को कर्मचारियों की उपस्थिति 50% तक सीमित रखनी होगी, जिससे सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम हो सके और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिल सके।


प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

पराली का धुआं: पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का असर अब भी जारी है।

स्थानीय कारक: ठंडी हवाओं की कमी और तापमान गिरने से प्रदूषक कण जमीन के करीब फंस रहे हैं।

उत्सर्जन: वाहनों का अत्यधिक उत्सर्जन और निर्माण गतिविधियां भी प्रमुख योगदान दे रही हैं।

स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। यह फेफड़ों की क्षमता को कमजोर करता है, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है, और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस तथा अस्थमा जैसी बीमारियों को बढ़ा सकता है।

विशेषज्ञों की सलाह

  • बच्चों, बुजुर्गों और साँस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को घर से बाहर निकलने से पूरी तरह बचना चाहिए।
  • अगर बाहर जाना अनिवार्य हो तो N95 मास्क का उपयोग करें।
  • घर के अंदर हवा को शुद्ध रखने के लिए HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

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