Delhi Pollution: 'हम कौन सी जादू की छड़ी घुमाएं कि...'; दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्प्णी, कहा- 'ये हेल्थ इमरजेंसी है'

Delhi Air Pollution: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने पूछा कि इसके लिए न्यायपालिका कौन सी जादुई छड़ी चलाकर बताए। हम कौन सा आदेश पारित कर सकते हैं कि आज हवा साफ हो जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार खराब होती एयर क्वालिटी से संबंधित एक याचिका पर तीन दिसंबर को सुनवाई करने पर गुरुवार (27 नवंबर) को सहमति जताई

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 2:47 PM
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Delhi AQI: दिल्ली-NCR में एयर पॉल्यूशन के संकट को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत ने गहरी चिंता व्यक्त की है

Delhi Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (27 नवंबर) को दिल्ली-NCR में एयर पॉल्यूशन के संकट को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। शीर्ष अदालत ने दमघोंटू प्रदूषण को 'हेल्थ इमरजेंसी' करार दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने पूछा कि इसके लिए न्यायपालिका कौन सी जादुई छड़ी चलाए। हम कौन सा आदेश पारित कर सकते हैं कि आज हवा साफ हो जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार खराब होती एयर क्वालिटी से संबंधित एक याचिका पर तीन दिसंबर को सुनवाई करने पर गुरुवार (27 नवंबर) को सहमति जताई।

न्यायालय ने कहा कि इस मुद्दे की नियमित रूप से निगरानी की आवश्यकता है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह के उस बयान पर गौर किया कि दिल्ली-एनसीआर में चिंताजनक स्थिति है। पीठ ने कहा कि यह एक 'हेल्थ इमरजेंसी' है। वकील अपराजिता सिंह एयर क्वालिटी मामले में पीठ के लिए न्यायमित्र की भूमिका निभा रही हैं।

CJI ने कहा, "एक न्यायिक मंच कौन-सी जादुई छड़ी घुमा सकता है? मुझे पता है कि यह दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरनाक स्थिति है। हम सब समस्या जानते हैं। मुद्दा यह है कि समाधान क्या है? हमें कारणों की पहचान करनी होगी और… समाधान तो केवल विशेषज्ञ ही दे सकते हैं। हमें उम्मीद है और अपेक्षा भी कि दीर्घकालिक समाधान खोजे जाएंगे।"


उन्होंने कहा, "मुझे बताइए कि हम क्या निर्देश दे सकते हैं? हम कुछ दिशानिर्देश जारी करें और तुरंत साफ हवा में सांस लेने लगें…। हमें यह भी देखना होगा कि प्रत्येक क्षेत्र में क्या समाधान हो सकते हैं। आइए देखें कि सरकार ने क्या समिति गठित की है...।"

न्यायालय ने 19 नवंबर को कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से कहा था कि वह दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को नवंबर-दिसंबर में निर्धारित, खुले में होने वाले खेल आयोजनों को जहरीली हवा को देखते हुए स्थगित करने का निर्देश देने पर विचार करे

न्यायालय ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सालभर पाबंदियां लगाने से इनकार कर दिया था। ग्रैप एक आपातकालीन ढांचा है जिसके तहत प्रदूषण के गंभीर स्तर पर कुछ गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है। न्यायालय ने इसके बजाय दीर्घकालिक और टिकाऊ समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया था।

इससे एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वालिटी की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर स्कूलों को बंद करने के अनुरोध वाली याचिका पर बुधवार को दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया। CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ इस मुद्दे पर वजीरपुर जेजे कॉलोनी एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ शिक्षा विभाग तथा केंद्र सहित अन्य प्रतिवादियों द्वारा जवाब दाखिल न करने पर नाराज थी।

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