दिल्ली ब्लास्ट केस में NIA को बड़ी सफलता, i20 कार का मालिक गिरफ्तार, उमर के साथ मिलकर रची थी पूरी साजिश

Delhi Blast Case : जांच एजेंसी ने फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पुष्टि की है कि धमाका करने वाली कार चलाने वाला युवक डॉ. उमर उन नबी था। उमर कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था

अपडेटेड Nov 16, 2025 पर 7:48 PM
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दिल्ली ब्लास्ट केस : NIA को आतंकवादी हमले की जांच में बड़ी सफलता हासिल की है।

Delhi Blast Case : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली में 10 नवंबर को हुए आतंकवादी हमले की जांच में बड़ी सफलता हासिल की है। एजेंसी ने आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के एक साथी को गिरफ्तार किया है, जिस पर हमले की साजिश में शामिल होने का आरोप है। इस धमाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई थी और 32 लोग घायल हो गए थे। आमिर राशिद अली, जिसके नाम पर हमले में शामिल कार पंजीकृत थी, को NIA ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस से मामला अपने हाथ में लेने के बाद NIA ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया था।

किसे किया गया गिरफ्तार?

10 नवंबर की शाम 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक Hyundai i20 कार में जोरदार विस्फोट हुआ। धमाका इतना तेज़ था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियाँ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। मौके की तस्वीरों में बिखरा हुआ मलबा और क्षत-विक्षत शव साफ दिख रहे थे। एनआईए के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी आमिर दिल्ली आया था, ताकि उस कार की खरीदारी कर सके जिसे बाद में विस्फोटक से भरी कार (IED) में बदल दिया गया। यही कार धमाके के लिए इस्तेमाल की गई।


हमलावर की पहचान

जांच एजेंसी ने फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर पुष्टि की है कि धमाका करने वाली कार चलाने वाला युवक डॉ. उमर उन नबी था। उमर कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर काम करता था। एनआईए अब आरोपी आमिर से पूछताछ कर हमले की पूरी साजिश और इसमें शामिल अन्य लोगों का पता लगाने में जुटी है।

एनआईए ने जांच में एक और बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी उमर नबी की एक दूसरी कार को भी ज़ब्त कर लिया है। इस वाहन की अब बारीकी से जांच की जा रही है कि इसमें कोई सबूत छिपा तो नहीं है। इसके साथ ही जांच टीम अब तक 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें धमाके में घायल कई लोग भी शामिल हैं।

कई राज्यों की एजेंसियां मिलकर कर रहीं जांच

एनआईए ने बताया कि वह दिल्ली पुलिस के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस तथा अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। उद्देश्य है— धमाके के पीछे की पूरी साज़िश का पता लगाना और उन सभी लोगों की पहचान करना जो इसमें शामिल हो सकते हैं।

मौके से मिले कारतूस ने बढ़ाई जांच की दिशा

आज सुबह जांचकर्ताओं ने धमाके वाली जगह से 9 मिमी कैलिबर के तीन कारतूस बरामद किए। इनमें से दो जिंदा गोलियां थीं, जबकि एक खाली खोल था। अधिकारियों के अनुसार, यह गोला-बारूद आम नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं होता और आमतौर पर सुरक्षा बलों या अधिकृत व्यक्तियों के पास ही होता है।

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