Delhi car blast case: दिल्ली पुलिस ने लालकिला विस्फोट मामले से जुड़ी संदिग्ध लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट कार का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के सभी थानों, चौकियों और सीमावर्ती नाकाओं के लिए अलर्ट जारी किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच में यह खुलासा होने के बाद अलर्ट जारी किया गया कि विस्फोट के संदिग्धों के पास लाल रंग की एक अन्य कार भी थी। कार का पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस की कम से कम पांच टीम तैनात की गई हैं। जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस को भी कड़ी सतर्कता बरतने और तलाशी में सहायता करने के लिए सतर्क कर दिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को एक बयान में कहा, "दिल्ली के सभी पुलिस थानों, पुलिस चौकियों और सीमा चौकियों को लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार की तलाश के लिए अलर्ट कर दिया गया है। जांच में पता चला है कि संदिग्धों के पास हुंडई i20 के अलावा एक और कार भी थी। दिल्ली पुलिस की पाँच टीमें कार की तलाश कर रही हैं। उत्तर प्रदेश और हरियाणा की पुलिस को भी लाल रंग की कार के बारे में अलर्ट कर दिया गया है।"
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट के में मामले में फरीदाबाद के एक कार विक्रेता को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इसी के साथ दिल्ली तथा आसपास के राज्यों के सभी पुराने कार विक्रेताओं से हाल में हुई वाहनों की बिक्री की डिटेल्स शेयर करने का निर्देश दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद के सेक्टर 37 स्थित रॉयल कार प्लाजा के मालिक अमित को फरीदाबाद पुलिस की सहायता से सोमवार देर रात हिरासत में लिया गया।
उन्होंने कथित तौर पर हुंडई आई20 की बिक्री में मदद की थी। इसका इस्तेमाल सोमवार को लाल किले के पास हुए शक्तिशाली विस्फोट में किया गया था। इस विस्फोट में 12 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।
एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, "अमित से पूछताछ की जा रही है। जांच दल हुंदै आई20 के स्वामित्व की पूरी कड़ी की जानकारी जुटा रहा है। यह पता कर रहा है कि यह संदिग्ध के हाथों में कैसे पहुंची। हम यह पता लगा रहे हैं कि गाड़ी उसके शोरूम में कौन लाया और किसके जरिए डॉ. उमर नबी उसके संपर्क में आया।"
दिल्ली पुलिस कार की बिक्री में शामिल संभावित बिचौलियों की पहचान करने के लिए डीलरशिप के रिकॉर्ड, लेनदेन डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. उमर नबी लाल किले के निकट हुए विस्फोट के समय कार चला रहा था।
विस्फोट के बाद दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास पुरानी कार बेचने वालों द्वारा बेचे गए वाहनों का सत्यापन अभियान शुरू किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के 15 जिलों के सभी पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) को स्थानीय कार डीलरों के साथ बैठक करने और अपने-अपने थाना प्रभारियों (एसएचओ) को बिक्री और खरीद के रिकॉर्ड का सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को भी राष्ट्रीय राजधानी से सटे अपने-अपने क्षेत्रों में इसी तरह वाहन बिक्री के दस्तावेजों का सत्यापन करने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य उन वाहनों की पहचान करना है जो फर्जी पहचान का उपयोग करके कैश लेनदेन के माध्यम से खरीदे गए हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कार विक्रेताओं को सलाह दी गई कि वे उचित बिक्री-खरीद रिकॉर्ड बनाए रखें और कोई भी वाहन सौंपने से पहले खरीदार के आधार, ड्राइविंग लाइसेंस और पते के दस्तावेजों का सत्यापन करें। साथ ही उन्हें किसी भी संदिग्ध खरीदार या लेनदेन की तुरंत पुलिस को सूचना देने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।