Delhi Blast Case: 'मैडम सर्जन' और 'D-6 मिशन' का खौफनाक सच, जैश-ए-मोहम्मद का 6 शहरों को दहलाने का 'सालों पुराना टेरर प्लान' बेनकाब

D-6 Mission: जांचकर्ताओं ने डॉ. शाहीन से डिजिटल फाइलें, डायरी और प्लानिंग नोट्स जब्त किए हैं, जो महत्वपूर्ण सबूत हैं। इन दस्तावेजों में कथित तौर पर 'D-6 मिशन' नामक एक हमले की प्लानिंग का जिक्र है, जिसका लक्ष्य 6 दिसंबर को हमला करना था

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 8:51 AM
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आरोप है कि शाहीन और उसके साथियों ने देश के 6 शहरों में हमले करने की प्लानिंग बनाई थी

Dr Shaheen Shahid: दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच कर रहे अधिकारियों ने एक साल-भर पुराने आतंकी प्रोजेक्ट का खुलासा किया है। इस जांच एक केंद्र में पाकिस्तान स्थित टेरर ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद है। इस जांच की मुख्य कड़ी 43 वर्षीय डॉ. शाहीन शाहिद है, जो एक पूर्व मेडिकल कॉलेज डॉक्टर है और अधिकारियों का दावा है कि वह सीमा पार आतंकी नेटवर्क की 'मैडम सर्जन' बन गई थी। आरोप है कि शाहीन और उसके साथियों ने देश के 6 शहरों में हमले करने की प्लानिंग बनाई थी। फरीदाबाद से गिरफ्तार की गई शाहीन को इस मॉड्यूल के प्रमुख ऑपरेटरों में से एक माना जा रहा है।

क्या था D-6 मिशन?

जांचकर्ताओं ने डॉ. शाहीन से डिजिटल फाइलें, डायरी और प्लानिंग नोट्स जब्त किए हैं, जो महत्वपूर्ण सबूत हैं। इन दस्तावेजों में कथित तौर पर 'D-6 मिशन' नामक एक हमले की प्लानिंग का जिक्र है, जिसका लक्ष्य 6 दिसंबर को हमला करना था। इस मिशन को ग्रुप 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए 'बदले का मिशन' बता रहा था। जब्त किए गए दस्तावेजों में टारगेट, भर्ती रणनीतियां, पैसों का लेनदेन और सेफ कम्युनिकेशन के तरीके शामिल है।


आतंकी नेटवर्क और हवाला फंडिंग की हो रही जांच

जांच में शाहीन के साथ दो कश्मीरी डॉक्टरों- डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई और डॉ. उमर उन नबी की पहचान भी इसी मॉड्यूल के सदस्य के रूप में हुई है। अधिकारियों का दावा है कि इन तीनों को 2021 के आसपास JeM से जुड़ी साजिश में शामिल किया गया था। जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ₹20 लाख के संदिग्ध हवाला चैनल का पता लगाना है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि इसे JeM हैंडलर के माध्यम से इस ऑपरेशन के लिए भेजा गया था।

एजेंसियों का कहना है कि इस पैसे का इस्तेमाल नए सदस्यों की भर्ती, सुरक्षित ठिकाने की व्यवस्था, फोन खरीदने और टारगेट की रेकी करने के लिए किया गया होगा। अब जांचकर्ता कानपुर, लखनऊ और दिल्ली में शाहीन के सात बैंक खातों में प्रत्येक बड़े लेनदेन की जांच कर रहे हैं।

'अपने लिए बहुत जी चुकी हूं, अब कर्ज उतारने का समय है': डॉ. शाहीन

शाहीन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में काम करती थी, जहां उसके सहकर्मी उसे शांत और तलाक की मुश्किलों से जूझती महिला के रूप में याद करते हैं। दिसंबर 2013 में, उसने अचानक वह गायब हो गई। अपने सहयोगियों को उसने बताया कि वह 4 जनवरी, 2014 तक लौट आएंगी, लेकिन वह कभी वापस नहीं आईं। 2021 में उन्हें आधिकारिक तौर पर बर्खास्त कर दिया गया। एक पूर्व सहयोगी ने बताया कि शाहीन में 2010 के आसपास एक विदेशी डॉक्टर से बातचीत करने के बाद बदलाव आने लगा। वह डॉक्टर उन्हें एक खास वैचारिक वीडियो भेजता था।

साल 2021 तक उसका पूरा वैचारिक परिवर्तन हो गया था। जब एक रिश्तेदार ने शादी, नौकरी और जिम्मेदारियां छोड़ने के बारे में उससे पूछा, तो उसने कथित तौर पर जवाब दिया था कि, 'मैं अपने लिए बहुत जी चुकी हूं। अब अपने समुदाय का कर्ज चुकाने का समय है।' पूछताछ में पता चला है कि मार्च 2022 में मॉड्यूल के सदस्य ISI हैंडलर अबू उकाशा से मिलने तुर्की गए थे। अधिकारियों का दावा है कि इसी यात्रा के दौरान उन्हें नियोजित 6 दिसंबर के हमलों के साथ आगे बढ़ने का 'ग्रीन सिग्नल' मिला था।

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