दिल्ली के लाल किले के पास हुए घातक कार धमाके की जांच कर रही सुरक्षा एजेंसियां अब पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के एक हैंडलर पर फोकस कर रही हैं, जिसने कथित तौर पर हमले से कुछ महीनों पहले एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए आरोपी डॉक्टरों को निर्देश दिया। NDTV ने अपनी एक रिपोर्ट हाई लेवल सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि हैंडलर, जिसे "हनजुल्ला" के नाम से जाना जाता है, उसने बम बनाने के ट्यूटोरियल वीडियो डॉ. मुजम्मिल शकील के साथ शेयर किए थे। उमर विस्फोट से जुड़े आतंकी मॉड्यूल के अहम संदिग्धों में से एक था, जिसमें 15 लोग मारे गए थे।
जांचकर्ताओं का मानना है कि 'हनजुल्ला' किसी नकली नाम से काम कर रहा था और अब वे उसके डिजिटल सुराग का पता लगाने की कोशिशें कर रहे हैं। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के नौगाम इलाके में “कमांडर हंजुल्ला भाई” नाम के पोस्टर सामने आए, जिससे इस इलाके में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े नेटवर्क के एक्टिव होने का शुरुआती शक पैदा हुआ।
यह रिपोर्ट बताती है कि उसी हैंडलर ने मौलवी इरफान अहमद के जरिए मुजम्मिल से संपर्क किया। इरफान अहमद शोपियां का एक मौलवी है, जिस पर आरोप है कि उसने ही कुछ युवा डॉक्टरों को कट्टर विचारधारा की ओर मोड़ने और तथाकथित “व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल” तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।
रिपोर्ट के अनुसार, मुजम्मिल पहले फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था, लेकिन बाद में उसका मेडिकल लाइसेंस रद्द कर दिया गया। इसके बाद उसने अपने जैसे सोच रखने वाले कुछ और डॉक्टरों- मुजफ्फर अहमद, अदील अहमद राथर और शाहीन सईद, को भी अपने साथ जोड़ लिया।
जांच में पहले पता चला था कि डॉक्टर मुजम्मिल साल 2021 से 2022 के बीच ISIS से जुड़े ग्रुप अंसर गजवत-उल-हिंद के संपर्क में आया था। कहा जाता है कि यह संबंध उसे मारे गए आतंकियों के साथियों से संपर्क में रहने के बाद हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, 2023 और 2024 में उसने खुद की एक आतंकी इकाई बनाने की कोशिश में हथियार भी जुटाए थे। दिल्ली के आत्मघाती हमलावर उमर नबी और मुजम्मिल के कमरों से मिली डायरी में कई तारीखें, सीक्रेट नोट्स और करीब दो दर्जन लोगों की लिस्ट मिली, जिससे पता चला कि एक बड़े हमले की योजना बनाई जा रही थी।
जांचकर्ताओं को मुजम्मिल से जुड़े एक स्थान से 360 किलो विस्फोटक सामग्री मिली, और सबूत ये भी मिले कि इस ग्रुप ने 20 क्विंटल से ज्यादा NPK फर्टिलाइजर खरीदी थी, जिसका इस्तेमाल बम बनाने में होना था।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि इन गिरफ्तारियों से कई शहरों में एक साथ होने वाले बड़े हमलों को रोका जा सका। फिलहाल विदेशी हैंडलर्स, पैसों का नेटवर्क और एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन चैनलों की जांच जारी है।