राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की बढ़ती गंभीरता और ट्रैफिक जाम की समस्याओं को देखते हुए दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अपने दफ्तरों के कामकाज के समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य शहर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करना और सड़क पर ट्रैफिक के दबाव को नियंत्रित करना है। वर्तमान में दोनों विभागों के खुलने और बंद होने का अंतर केवल 30 मिनट का है, जिससे सुबह और शाम के समय पिक ऑवर में सड़कों पर भारी जाम और भीड़ दिखाई देती है।
इसके कारण न केवल लोगों को सफर में परेशानी होती है बल्कि प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता है। नए समय से दिल्ली सरकार और MCD के विभाग अलग-अलग समय पर खुलेंगे, जिससे ट्रैफिक का दबाव समान रूप से बंटेगा और शहर में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
अभी दिल्ली सरकार और एमसीडी के कई विभागों के खुलने और बंद होने का अंतर केवल 30 मिनट का है। इस वजह से सुबह और शाम के समय सड़कों पर भारी ट्रैफिक और जाम की स्थिति बन जाती है।
इस मामूली अंतर के कारण ट्रैफिक का दबाव अधिक होता है और प्रदूषण स्तर बढ़ता है।
दिल्ली सरकार और एमसीडी ने सर्दियों के मौसम (15 नवंबर 2025 से 15 फरवरी 2026) के लिए नए समय की घोषणा की है:
इस बदलाव से ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों में कमी लाने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता की स्थिति
शुक्रवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ‘समीर’ ऐप के मुताबीक, दिल्ली के 38 में से 29 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया। एयर क्वालिटी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ दिनों तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक जाम और प्रदूषण दोनों को कम करना है। अलग-अलग समय से खुलने और बंद होने वाले दफ्तर सुबह और शाम के पिक टाइम में सड़कों पर दबाव को समान रूप से बाटेंगे। इसके अलावा, ये कर्मचारियों और आम नागरिकों दोनों के लिए सफर को भी आसान बनाएगा।